शहर काजी इस्तीफा दें या बेकसूरों को रिहा कराएं
उपद्रव में फंसे बेकसूर लोगों को छुड़ाने की मांग को लेकर जामा मस्जिद पहुंचीं शहर की महिलाएं
जागरण संवाददाता, रामपुर : उपद्रव में फंसे बेकसूर लोगों की रिहाई की मांग को लेकर शहर की महिलाएं जामा मस्जिद पहुंच गईं। उन्होंने हाथों में पंपलेट ले रखे थे। जिन पर लिखा था शहर काजी इस्तीफा दें या बेकसूरों को रिहा कराएं।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर में 21 दिसंबर को बंद रहा था। इस दौरान हाथी खाना चौराहे पर पुलिस और पब्लिक के बीच टकराव हो गया था। आगजनी, पथराव और फायरिग हुई, जिसमें एक युवक की मौत हो गई। दर्जनभर पुलिसवाले भी घायल हो गए। भोट थानाध्यक्ष की जीप और छह बाइक फूंक दी गई थीं। बवाल के दौरान सुतली बम भी इस्तेमाल किए गए। पुलिस ने इस मामले में तीन मुकदमे दर्ज कराए। 141 लोगों को नामजद करते हुए हजारों अज्ञात दर्शाए गए। पुलिस ने 34 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें दो लोगों से 15 तमंचे भी बरामद हुए थे। बाद में पुलिस रिमांड पर लेकर इनसे पांच सुतली बम और दरोगा से छीनी गई मोटर साइकिल भी बरामद की गई। मुकदमे दर्ज होने के बाद शहर के उलमाओं ने कुछ लोगों के नाम फर्जी कहते हुए उन्हें निकालने की बात कही थी। जिलाधिकारी और एसपी ने भी आश्वासन दिया कि एक भी बेकसूर नहीं पकड़ा जाएगा और जो बेकसूर जेल चले गए हैं, उन्हें रिहा कराया जाएगा, लेकिन अभी तक किसी की रिहाई नहीं हो सकी है। इससे उनके परिजनों में गुस्सा है। मंगलवार को इन परिवारों की महिलाएं प्रदर्शन करते हुए इकटठा होकर जामा मस्जिद पहुंच गईं, जिनके हाथों में पंपलेट थे, जिन पर लिखा था, उलमाओं बाहर निकलो, बेकसूरों को रिहा कराओ। रामपुर के उलमा हाय-हाय, शहर इमाम, शहर काजी इस्तीफा दो, हमारे बेगुनाह भाइयों को छुड़वाओ, इंकलाब जिदाबाद आदि। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सचिव मुकर्रम रजा ने बताया कि करीब 100 महिलाएं दोपहर जामा मस्जिद पहुंचीं। उन्हें सफों पर बैठा दिया गया। शहर काजी और शहर इमाम ने उनसे बात की। बताया कि एसपी का तबादला हो गया है। नए एसपी से बात की जाएगी। बेकसूरों को इंसाफ दिलाया जाएगा। महिलाएं करीब एक घंटे बाद चली गईं।