Move to Jagran APP

पहले भी करोड़ों लेकर फरार हो चुकी हैं कंपनियां

रामपुर : जिले में चिटफंड कंपनियां पहले भी लोगों की मेहनत की गाड़ी कमाई लेकर गायब हो

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 10:30 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 10:30 PM (IST)
पहले भी करोड़ों लेकर फरार हो चुकी हैं कंपनियां
पहले भी करोड़ों लेकर फरार हो चुकी हैं कंपनियां

रामपुर : जिले में चिटफंड कंपनियां पहले भी लोगों की मेहनत की गाड़ी कमाई लेकर गायब हो चुकी हैं। हाल ही में एक कंपनी और फरार हो गई। इस मामले में रविवार को रिपोर्ट दर्ज हुई। अब पुलिस जांच में जुटी है। पहले भी पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए, लेकिन किसी कंपनी से गरीबों को उनका पैसा नहीं दिलाया जा सका। 24 फरवरी 2016 को सिविल लाइंस कोतवाली में मथुरा की कंपनी श्रीराम कल्पबट रीयल स्टेट कंपनी लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा संगम विहार कालोनी किटप्लाई रोड निवासी नरेश कुमार की शिकायत पर हुआ था। उनके पिता श्रीराम कंपनी में सीनियर एक्जीक्यूटिव के पद थे। कंपनी का स्थानीय कार्यालय जौहर रोड स्थित श्रीजी प्लाजा में था। कंपनी में लोगों से पैसे लेकर बांड के हिसाब से वापस किया जाता था। कंपनी में हजारों लोगों ने पैसा लगाया। करीब पांच करोड़ रुपये जमा होने के बाद कंपनी फरार हो गई। इससे पहले कोलकाता की मैसर्स प्रयाग इंफोटेक नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने भी सिविल लाइंस क्षेत्र में इलाहाबाद बैंक के पास अपना ऑफिस खोला था। कंपनी ने अपने एजेंट भी बनाए। दूसरे लोगों का पैसा कंपनी में लगाने पर अच्छा कमीशन देने का भी लालच दिया। वह भी लालच में फंस गए। करोड़ों रुपये बाद में ऑफिस बंद कर फरार हो गए। अदालत के आदेश पर सिविल लाइंस पुलिस ने कंपनी के चेयरमैन वासुदेव बागची समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट की थी। दो साल पहले उत्तराखंड की कंपनी भी यहां के लोगों के 10 करोड़ रुपये लेकर फरार हुई थी। तब कंपनी के डायरेक्टर समेत 15 के खिलाफ 10 अगस्त 2016 को सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा कराया गया था। मुकदमा उत्तराखंड की मास इंफ्रा रियलटी लिमिटेड कंपनी के खिलाफ था। इस कंपनी ने वर्ष 2011 में राधा सिनेमा चौराहे के पास अपना ऑफिस खोला था। उत्तराखंड के जिला उधम¨सहनगर थाना बाजपुर अंतर्गत ग्राम कनौटा सुल्तानपुर पट्टी के र¨वदर कुमार और मोहम्मद रऊफ खुद को कंपनी का डायरेक्टर बताते थे। उनकी कंपनी ने यहां एजेंट बनाए और ग्रामीणों, किसानों आदि का पैसा कंपनी में लगवाया। पांच साल में रकम दुगनी करने का लालच दिया। समय पूरा होने पर जब लोगों ने रकम वापस मांगी तो कंपनी ने ऑफिस बंद कर दिया था।

loksabha election banner

कमेटी बनी पर नहीं हुई कार्रवाई

जिले में इस तरह की आधा दर्जन कंपनियां अब भी अलग-अलग नामों से चल रही हैं। करीब तीन दर्जन चिटफंट, रियल स्टेट, मल्टी परपज कंपनियों के दफ्तर खुले हैं। ये कंपनियां जमीन और प्लाट का लालच देकर किसानों से आरडी और एफडी के नाम पर वसूली कर रही है। कुछ कंपनियां किसानों से करोड़ों रुपये लेकर फरार हो चुकी हैं तो कुछ भागने की फिराक में हैं। जिला प्रशासन ने पिछले साल कमेटी गठित कर ऐसी कंपनियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। हालांकि कमेटी द्वारा जांच करना तो दूर कंपनियों को नोटिस तक नहीं दिए।

भास्कर ¨सह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.