रामपुर में बंद को लेकर दो व्यापारी संगठन आमने-सामने
रामपुर : जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) के सरलीकरण, एफडीआइ (फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्
रामपुर : जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स) के सरलीकरण, एफडीआइ (फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट) के विरोध को लेकर भारत बंद का शहर में मिला-जुला असर रहा। कई जगह बाजार बंद रहे तो कहीं पर दुकानें खुली थीं। हाईवे पर रेलवे स्टेशन के पास बंद को लेकर दो व्यापारिक संगठन आमने-सामने आ गए। एक बंद करा रहा था तो दूसरा विरोध करने लगा। इससे हंगामा हो गया। सूचना पर पुलिस आ गई। पुलिस ने व्यापारियों को शांत कराया। देश के प्रमुख व्यापारिक संगठनों के साथ प्रदेश के भी व्यापारियों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था।
इसके तहत उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल से जुड़े व्यापारी पिछले कई दिन से बंद के लिए अपील कर रहे थे। इसके लिए बाजारों में रिक्शा घुमाकर ऐलान कराया। पदाधिकारियों ने दुकानों पर जाकर जनसंपर्क किया था। एक दिन पहले बाइक रैली भी निकाली थी। इस संगठन के आह्वान पर शहर में कई स्थानों पर सुबह दुकानदारों ने दुकानों के शटर नहीं उठाए। बंद का आह्वान करने वाले व्यापारी भी क्षेत्र में घूम रहे थे। पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे हाईवे पर रेलवे स्टेशन के पास कुछ दुकानें बंद थीं, जिन्हें व्यापारी बंद कराने लगे। इसी दौरान वहां उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी अपने संगठन के अन्य पदाधिकारियों के साथ पहुंच गए। उन्होंने जबरन दुकानें बंद कराने का विरोध किया। इसे लेकर दोनों संगठनों के व्यापारियों में कहासुनी होने लगी। जानकारी मिलने पर पुलिस आ गई। सीओ सिटी ओपी आर्य भी पहुंच गए। उन्होंने व्यापारियों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। बंद का आह्वान कर रहे संगठन के व्यापारियों को चेताया कि किसी भी दुकान को जबरन बंद नहीं कराया जाएगा।
इसके बाद कुछ जगह दुकानें खुली तो कुछ दुकानदारों ने बंद का समर्थन करते हुए शटर नहीं उठाए। बंद का आह्वान कर रहे उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना था कि बंद पूरी तरह सफल रहा। शहर समेत अन्य तहसीलों में भी बाजार बंद रहे। बंद में किसी से जबरदस्ती नहीं की गई। दुकानदारों ने अपनी मर्जी से बंद में हमारा समर्थन किया। बंद की सफलता के लिए संगठन के पदाधिकारी दोपहर तक बाजारों में घूमे। बाद में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश तिवारी को सौंपा। इस दौरान युवा जिलाध्यक्ष विपुल अग्रवाल, नगर अध्यक्ष कमल रस्तोगी, जिला उपाध्यक्ष सुनील कौशिक, छोटे लाल रस्तोगी, अब्दुल समद, सतीश राठौर, रमेश चंद्र अग्रवाल, हाजी पुत्तन, राशिद खां, सरदार हरभजन ¨सह, हरजीत ¨सह, रमेश गुप्ता, बसंत प्रजापति नवीन भाटिया, हरीश कुमार अरोरा, देवेंद्र भाटिया, राकेश टंडन आदि मौजूद रहे। उधर, उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी के नेतृत्व में व्यापारियों ने बंद का विरोध जताया। श्री सोनी ने कहा कि जिस संगठन ने बंद का आह्वान किया था, उसने हमसे कोई समर्थन नहीं लिया था। हमारे संगठन से जुड़े व्यापारियों ने जबरन दुकानें बंद कराने की शिकायत की, जिस पर हमें विरोध करने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि व्यापारी समाज का हित राजनीतिक लोग नहीं कर सकते हैं। बाजार बंद की घोषणा करने वाले संगठन के प्रदेश अध्यक्ष समय-समय पर व्यापारी समाज को ढाल बनाकर राजनीति में प्रवेश कर चुके हैं। यदि उन्हें व्यापारी समाज की सेवा करनी है तो पहले राजनीति से इस्तीफा दें। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन बंद में शामिल नहीं है। संगठन के पदाधिकारियों ने बाजारों में घूमकर दुकानों को खुलवाया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश गोयल, जिला महामंत्री मोहम्मद शाहिद शमसी, र¨वद्र ¨सह टोनी, अवतार ¨सह, गुलशन अरोरा, मंजीत सिम्पल, प्रवीन गुर्जर आदि मौजूद रहे।
दवा विक्रेताओं में भी नहीं दिखी एकजुटता फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने निकाली रैली, प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन फोटो -
जागरण संवाददाता, रामपुर : ई-फार्मेसी के विरोध में दवा विक्रेताओं का बंद भी बेअसर रहा। यहां भी वजह गुटबाजी रही। शहर में दवा विक्रेताओं का एक संगठन बंद में शामिल नहीं हुआ। इसके चलते कई जगह दवा की दुकानें खुली रहीं। हालांकि बंद का आह्वान करने वाले फार्मा ट्रेडर्स एसोसिएशन से जुड़े दवा विक्रेता बंद में शामिल रहे। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पहले बैठक की। इसमें एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ओपी आहूजा ने कहा कि ई-फार्मेसी से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री की जा रही है। सीधे दवा कंपनी घरों तक दवा पहुंचा रही हैं। इसका असर दवा कारोबार पर पड़ेगा। सभी दवा कारोबारी इससे प्रभावित होंगे। हमारे संगठन इसका विरोध कर रहा है। संगठन ने पहले ड्रग लाइसेंस प्रक्रिया में फेरबदल का विरोध किया था। इस विरोध के सामने सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है। अब पहले की तरह थोक दवा विक्रय के लिए नए ड्रग लाइसेंस के लिए अनुभव प्रमाण पत्र के साथ शपथ पत्र आवेदक को देना होगा। अब ई-फार्मेसी का विरोध है। इसमें भी जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा संगठन के आह्वान पर किया बंद पूरी तरह सफल रहा। कुछ दवा विक्रेताओं को छोड़कर पूरे जिले में दवा विक्रेताओं ने बंद का समर्थन किया है। बैठक के बाद दवा कारोबारियों ने रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश तिवारी को सौंपा। इसके अलावा मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, एफडीए मंत्रालय आदि को भी ज्ञापन की प्रति भेजी। इस दौरान एसोसिएशन के सचिव मोहम्मद आजम खां, कोषाध्यक्ष सर्वेश कुमार सक्सेना, खुर्शीद इकराम, राजू मदान, संजय भाटिया, निखिल अग्रवाल, उमंग अग्रवाल, माजिद खां, कासिम अली, भगवत सरन, राजेश कुमार, राजीव गुप्ता, राजकुमार सेठी, दीपक शर्मा, पंकज मेंदीरत्ता आदि शामिल रहे। उधर, रामपुर केमिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जयदीप गुप्ता और महासचिव नूर मोहम्मद खां ने कहा कि बीमारियों का मौसम और जनहित को देखते हुए हमारा संगठन बंद में शामिल नहीं हुआ। इससे शहर में बंद का कोई असर नहीं हुआ। ज्यादातर दवा की दुकानें खुली रहीं।