निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहे बैंक और एलआइसी कर्मी
रामपुर निजीकरण के विरोध में बैंक और एलआइसी कर्मी एक दिन की हड़ताल पर रहे।
रामपुर : निजीकरण के विरोध में बैंक और एलआइसी कर्मी एक दिन की हड़ताल पर रहे। इससे कामकाज ठप रहा। लोग परेशान हुए। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने मांगें पूरी न होने पर बड़े स्तर पर आंदोलन की चेतावनी दी। हड़ताल में ओरियंटल बैंक, इलाहाबाद बैंक, कारपोरेशन बैंक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक आदि के कर्मचारी शामिल हुए। हालांकि स्टेट बैंक समेत जिला सहकारी बैंक और निजी बैंक हड़ताल में शामिल नहीं हुए। हड़ताल का आह्वान एआइबीईए (आल इंडिया बैंक इम्प्लाइज एसोसिएशन) द्वारा किया गया था। इसके तहत कई बैंकों के कर्मचारी गुरुवार को सुबह 10 बजे इलाहाबाद बैंक के सामने इकट्ठा हुए। बैंक कर्मियों ने कर्मचारी एकता जिदाबाद के नारे लगाए और निजीकरण का विरोध जताया। यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष जगमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार विलय के नाम पर बैंकों का निजीकरण करना चाहती है। निजीकरण से आम जनता का कोई हित नहीं होने वाला है। दूसरी ओर पूंजीपतियों के बड़े ऋण एनपीए हो रहे हैं, जिसकी वसूली नहीं हो रही। जिला मंत्री अशोक अग्रवाल ने कहा कि बैंकों में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो रही है। आउटसोर्सिंग द्वारा बैंक का कार्य हो रहा है, जिससे ग्राहकों को उचित सेवा नहीं मिल पा रही है। संयुक्त मंत्री आशुतोष गुप्ता ने कहा कि सरकार कारपोरेट ऋण की वसूली के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। सरकार की मनमानी किसी भी स्थिति में नहीं चलने देंगे।
प्रदर्शन करने वालों में पंजाब नेशनल बैंक से संजय कुमार, अभय कुमार, शोभा, बैंक ऑफ बड़ौदा से राहुल अग्रवाल, प्रमोद कुमार, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स से राजेश मलिक, संजय वर्मा, यूनियन बैंक से आशुतोष गुप्ता, इलाहाबाद बैंक से मुकेश शर्मा, सुरेश कुमार, संजय बाबू आदि शामिल रहे।
दूसरी ओर अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में बीमा कर्मचारी भी एक दिन की हड़ताल पर रहे। सुबह 10 बजे एलआइसी शाखा कार्यालय पर कर्मचारी इकट्ठा हुए और नारेबाजी की। बाद में दरी बिछाकर धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों का कहना था कि सरकार की नीतियां मजदूर विरोधी हैं। ये नीतियां श्रमिकों को बंधुआ मजदूर बना देंगी। सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नीयत से काम कर रही है। काम के घंटे 12 करना और ओवरटाइम का वेतन आधा करना एक साजिश है। एक ओर सरकार आत्मनिर्भर होने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर मजदूरों को आर्थिक रूप से कमजोर रखना चाहती है। नए कर्मचारियों की पेंशन तथा भविष्य निधि इसका सटीक उदाहरण है। धरना देने वालों में महेंद्र सिंह, राकेश यादव, हरि सिंह, विजय श्रीवास्तव, नरेश कुमार, इशरत अली, हेमंत कुमार, देवेंद्र शर्मा, वंश भाटिया, शुभम वर्मा, श्रीकांत झा, राकेश कुमार आदि मौजूद रहे। बिलासपुर में बीमा कर्मियों ने किया केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
बीमा कर्मचारी संघ के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
गुरुवार को बीमा कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भारतीय जीवन बीमा निगम के कार्यालय पर एकत्र हुए। वे केंद्र सरकार गलत नीतियों को लेकर दरियां बिछाकर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की। बाद में धरने को संबोधित करते हुए शाखा अध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से चौपट हो चुकी है। बेरोजगारी पिछले पचास वर्षों के उच्चतम स्तर पर है। मजदूरों को जो कुछ कानूनी अधिकार प्राप्त थे वे वापस ले लिए। बोले, सरकार की गलत नीतियों से किसान भी आंदोलन कर रहे हैं। यह स्थिति देश के लिए सही नहीं है। कहा कि सरकार सरकारी फैक्ट्रियों, वित्तीय संस्थाओं को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने जा रही है। सरकार देश को असंतोष की ओर धकेल रही है। शाखा अध्यक्ष ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत का नारा एक छलावा है, जो आत्मनिर्भरता की बुनियाद सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा हैं। पूंजीपति के लिए मुनाफा सर्वोच्च होगा, आत्मनिर्भरता नहीं। चेतावनी दी कि सरकार के खिलाफ लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। प्रदर्शन करने वालों में सुखलाल, देवेंद्र रावत, बीएम सिंह, साहब सिंह, डीजेएस बाजवा, विजयपाल, मनोज गुप्ता, मनोज कुमार, रवि कुमार आदि शामिल रहे।