रामपुर बवाल के 15 आरोपितों की जमानत मंजूर
क दी थीं। इस बवाल में पुलिस ने हजारों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। हिसक प्रदर्शन के मामले में पुलिस अभी तक 34 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इनमें 26 आरोपितों से पुलिस ने हत्या समेत अन्य गंभीर धाराओं को हटा दिया था।
जागरण संवादाता, रामपुर : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए बवाल के 15 आरोपित की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट ने मंजूर कर ली है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 21 दिसंबर 2019 को भीड़ सड़कों पर आ गई थी। पुलिस ने हाथीखाना चौराहे पर भीड़ को रोकने का प्रयास किया था। तब भीड़ हिसक हो गई थी। पुलिस से मारपीट और पथराव किया था। भोट थाना प्रभारी की जीप और छह बाइक फूंक दी थीं। इस बवाल में पुलिस ने हजारों लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे। हिसक प्रदर्शन के मामले में पुलिस अभी तक 34 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इनमें 26 आरोपितों से पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास व लूटपाट की धाराओं को हटा दिया था। इसके बाद 15 आरोपितों ने रिहाई के लिए अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इस मामले में सेशन कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत याचिका का विरोध किया गया, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि आरोपितों को पुलिस ने झूठा फंसाया है। ये लोग प्रकरण में शामिल नहीं थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने समर, अनस, रईस, रिजवान, अजहरूद्दीन, नाजिर, अफरोज, शावेज, शाहरोज, जुनैद खां, शहनवाज, फईम, मोहम्मद आबिद, सगीर, हमजा की जमानत याचिका मंजूर कर ली। आरोपितों के अधिवक्ता सय्यद आमिर मियां और अधिवक्ता मोहम्मद रहमान के मुताबिक कोर्ट ने सभी 15 आरोपियों की जमानत याचिका मंजूर कर ली है।