Azam Khan सीतापुर जेल में रहे थे 27 महीने, सलाखों के पीछे से ही जीता था यूपी विधानसभा चुनाव 2022
Azam Khan Cases इससे पहले भी आजम खां पूरे 27 महीने जेल में रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद आजम खां पर लूटपाट डकैती धोखाधड़ी आचार संहिता उल्लंघन भैंस-बकरी चोरी आदि के आरोप में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे।
जागरण संवाददाता, रामपुर। Azam Khan Cases : रामपुर एमपीएमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को भड़काऊ भाषण के मामले में दोषी करार दे दिया है। कुछ ही देर पर उनकी सजा पर भी अदालत अपना फैसला सुना देगी। इस मामले में आजम खां को अधिकतम तीन साल कैद की सजा हो सकती है। यानी आजम खां को फिर से जेल जाना पड़ सकता है।
सीतापुर जेल में 27 महीने रह चुके हैं आजम
इससे पहले भी आजम खां पूरे 27 महीने जेल में रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद आजम खां पर लूटपाट, डकैती, धोखाधड़ी, आचार संहिता उल्लंघन, भैंस-बकरी चोरी आदि के आरोप में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए थे। वर्तमान में आजम खां के खिलाफ 94 मुकदमे विचाराधीन हैं। इन्हीं में से एक है लोकसभा चुनाव 2019 का भड़काऊ भाषण का मामला।
शासन-प्रशासन के अधिकारियों को कहे थे अपशब्द
लोकसभा चुनाव 2019 में आजम खां खुद समाजवादी पार्टी के टिकट पर प्रत्याशी थे। पहली बार वह लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। एक जनसभा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शासन प्रशासन के अधिकारियों पर अपशब्द कहे थे। रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के खिलाफ भी उनके बोल बिगड़े थे।
आजम ने सीतापुर जेल में 819 रातें काटीं
इसको लेकर ही उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए थे। इसी मामले गुरुवार को रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट ने आजम खां को दोषी करार दिया है। आजम खां इससे पहले फरवरी 2020 से मई 2022 तक करीब 819 रातें सीतापुर जेल में काट चुके हैं। जेल में रहते हुए ही उन्होंने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 लड़ा और रामपुर शहर सीट से दसवीं बार विधायक बने।
आजम खां की पत्नी और बेटा भी जेल में साथ रहे
सीतापुर जेल में आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी रहे। आजम खां के साथ उनकी पत्नी और बेटे को भी कई मामलों में नामजद किया गया है। पत्नी तजीन फात्मा तो दिसंबर 2020 में ही जेल से रिहा हो गईं थीं, जबकि बेटे अब्दुल्ला को रिहाई के लिए दिसंबर 2021 तक का इंतजार करना पड़ा। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की घोषणा से कुछ दिन पहले ही अब्दुल्ला को सीतापुर जेल से रिहाई मिली थी।