जिला अस्पताल में तोड़फोड़ पर अनुराग शर्मा के समर्थकों पर मुकदमा
शिव सेना के पूर्व जिला संयोजक अनुराग शर्मा की हत्या के बाद जिला अस्पताल में तोड़फोड़ करने वाले उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, रामपुर : शिव सेना के पूर्व जिला संयोजक अनुराग शर्मा की हत्या के बाद जिला अस्पताल में तोड़फोड़ करने वाले उनके समर्थकों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे में भाजपा नेता संजय नरूला को नामजद किया है, जबकि 60 अज्ञात शामिल हैं। संबंधित लोगों पर लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। मुकदमा जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश मित्तल की ओर से कराया गया है।
मुकदमे में कहा है कि 20 मई की रात गोली लगने के बाद अनुराग शर्मा को अस्पताल लाया गया था। इमरजेंसी में तब डॉ. सिराज अहमद की ड्यूटी थी। उन्होंने उसे देखकर मृत घोषित कर दिया, लेकिन साथ आए लोग दोबारा देखने को कहने लगे। दोबारा देखकर भी उन्होंने लोगों को बताया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। इस पर संजय नरूला समेत 50-60 लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। अस्पताल में तोड़फोड़ करने लगे। डॉक्टर और स्टाफ से अभद्रता की। उनके साथ मारपीट का प्रयास किया। इससे अस्पताल में अफरातफरी का माहौल हो गया। यह घटना वहां लगे सीसी कैमरे में कैद हो गई। शहर कोतवाल जसपाल सिंह ग्वाल ने बताया कि तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे में संजय नरूला को नामजद करते हुए 60 के खिलाफ संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मुकदमे में नामजद संजय नरूला बजरंग दल के पूर्व विभाग संयोजक एवं वर्तमान में भाजपा के सुशासन एवं केंद्र राज्य शासकीय कार्यक्रम समन्वय विभाग के जिला संयोजक हैं। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने अपनी नाकामी को छुपाने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज किया है। जब अनुराग शर्मा को अस्पताल लेकर आए थे, तब उनकी सांस चल रही थी। लेकिन, उन्हें देखने के लिए कोई डॉक्टर वहां नहीं था। पुलिस अधिकारियों के फोन के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे। अगर डॉक्टर समय पर आ जाते तो अनुराग शर्मा की जान बच सकती थी। तीन दिन बाद दर्ज हुई रिपोर्ट
जिला अस्पताल में तोड़फोड़ की घटना में पुलिस ने तीन दिन बाद मुकदमा दर्ज किया। मामला भाजपा और हिदू नेताओं से जुड़ा था। हालांकि, जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा पहले ही तहरीर दे दी गई थी। शुक्रवार रात को तहरीर वापस लेकर दोबारा लिखवाई गई। इसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया