Move to Jagran APP

आजम और अमर की सियासी जंग में रणभूमि बना रामपुर

रामपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर ¨सह के बीच

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 11:09 PM (IST)
आजम और अमर की सियासी जंग में रणभूमि बना रामपुर
आजम और अमर की सियासी जंग में रणभूमि बना रामपुर

रामपुर : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां और पूर्व राज्यसभा सदस्य अमर ¨सह के बीच इन दिनों सियासत गर्मा गई है। यह सियासी अदावत नई नहीं, बल्कि सालों पुरानी है, लेकिन अब इस जंग की रणभूमि रामपुर बनने जा रहा है। सियासी पंडित मान रहे हैं कि यह लड़ाई फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा को लेकर शुरू हुई थी और अब फिर उन्हीं के इर्द गिर्द घूम रही है। माना जा रहा है कि जयाप्रदा एक बार फिर रामपुर से लोकसभा चुना लड़ सकती हैं।

loksabha election banner

इन दिनों अमर ¨सह भी आजम के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर कानूनी लड़ाई भी लड़ रहे हैं। रामपुर में आकर भी आजम को चुनौती दे चुके हैं, लेकिन अमर ¨सह के सियासी तीरों का वह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। उनके समर्थक भी खामोश हैं। अमर ¨सह को कभी दल्ला तो कभी कचरा बताने वाले आजम अब खामोश क्यों हैं? इसे लेकर लोग तरह तरह के कयास लगा रहे हैं। समाजवादी पार्टी में रहते हुए भी इन दोनों नेताओं में 36 का आंकड़ा रहा। आजम ने कभी अमर ¨सह को तवज्जो नहीं दी। हालांकि पहले दोनों में संबंध ठीक थे, लेकिन फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के रामपुर से सांसद चुने जाने के बाद दूरियां बढ़ती चली गई।

------

रामपुर से पहली बार वर्ष 2004 में जयाप्रदा ने लड़ा था चुनाव

जयाप्रदा वर्ष 2004 में रामपुर से समाजवादी के टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं। तब प्रदेश में सपा की सरकार थी और आजम नगर विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री थे। उन्होंने जयाप्रदा को पूरी ताकत से चुनाव लड़ाया और कांग्रेस की बेगम नूरबानो को हराया। पहली बार रामपुर में सपा लोकसभा चुनाव जीती और जयाप्रदा सांसद बनीं। इसके बाद आजम ने जयाप्रदा की जीत का जश्न भी मनाया और पूरे शहर को बिरयानी की दावत दी, लेकिन चंद महीने बाद ही दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। नौबत यहां तक पहुंच गई कि एक दूसरे के कार्यक्रमों में आना-जाना बंद हो गया। दूसरी ओर जयाप्रदा व अमर ¨सह के संबंध मजबूत होते गए। इसके चलते अमर ¨सह भी आजम के निशाने पर आ गए।

-------

जया का विरोध करने में आजम को पार्टी से निकाल दिया गया था

वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी सपा ने जयाप्रदा को ही रामपुर से टिकट दिया, जबकि आजम उनका खुलकर विरोध कर रहे थे। आजम सपा के चुनाव प्रचार में भी नहीं उतरे। इस सबके बावजूद जयाप्रदा चुनाव जीत गईं। चुनाव बाद सपा हाईकमान से आजम की शिकायत की गई। तब मुलायम ¨सह ने आजम को पार्टी से निकाल दिया। इस फैसले का आजम ने खुलकर विरोध किया। इसके चलते उन दिनों हुए उपचुनाव में सपा बुरी तरह हारी। अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव भी चुनाव हार गईं और भी कई उपचुनाव में सपा को हार का मुंह देखना पड़ा।

------

उपचुनाव में हुई हार के बाद आजम पार्टी में बुलाए गए, जया-अमर बाहर हुए

उपचुनाव में हुई हार पर सपा मुखिया मुलायम ¨सह यादव ने फिर आजम को पार्टी में लेने का निर्णय लिया। साथ ही अमर ¨सह और जयाप्रदा को पार्टी से बाहर कर दिया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जयाप्रदा रालोद के टिकट पर बिजनौर से लड़ीं, लेकिन बुरी तरह हार गईं। अब फिर जयाप्रदा के रामपुर से चुनाव लड़ने की उम्मीद है। चर्चा है कि जयाप्रदा भाजपा गठबंधन से चुनाव लड़ सकती हैं। इसीलिए अमर ¨सह आजम पर सियासी तीर चला रहे हैं। जयाप्रदा के मीडिया प्रभारी मुस्तफा हुसैन का कहना है कि रामपुर की अवाम चाहती है कि जयाप्रदा रामपुर से चुनाव लड़ें। वह चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन अभी यह तय नहीं है कि किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.