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योगी और अमर ¨सह की मुलाकात से रामपुर में सियासी हलचल बढ़ी

रामपुर : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सियासी दलों में हलचल शुरू हो गई है,

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 10:29 PM (IST)
योगी और अमर ¨सह की मुलाकात से रामपुर में सियासी हलचल बढ़ी
योगी और अमर ¨सह की मुलाकात से रामपुर में सियासी हलचल बढ़ी

रामपुर : वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर जहां सियासी दलों में हलचल शुरू हो गई है, वहीं नेताओं ने भी टिकट के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी हाईकमान से मेल मुलाकातें शुरू हो गईं हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अमर ¨सह की मुलाकात के भी सियासी गलियारों में यही मायने निकाले जा रहे हैं। उनकी इस मुलाकात को फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा के लिए सियासी जमीन तलाशने के नजरिये से देखा जा रहा है। अमर ¨सह किसी समय समाजवादी पार्टी में खास मुकाम रखते थे। पूर्व मुख्यमंत्री मुखिया मुलायम ¨सह यादव से उनकी नजदीकियां जगजाहिर थीं। उनके कहने पर ही मुलायम ¨सह ने वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा को रामपुर से टिकट दिया था। तब पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां ने उन्हें चुनाव लड़ाया और जीत भी दिलाई। हालांकि सांसद बनने के बाद उनकी आजम खां से दूरियां होने लगीं। यही वजह रही कि जब वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने जयाप्रदा को टिकट दिया तो आजम नाराज हो गए। तब अमर ¨सह ने यहां आकर मोर्चा संभाला और उन्हें चुनाव जिताया। वह लगातार दो बार रामपुर लोकसभा सीट से सांसद रहीं। पार्टी में अमर ¨सह और जया का कद बढ़ गया और एक बार ऐसी नौबत भी आ गई कि आजम खां को पार्टी से बाहर कर दिया गया। हालांकि इसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा। इसके बाद हुए चुनावों में पार्टी की करारी हार हुई। तब मुलायम ¨सह को उन्हें वापस पार्टी में बुलाना पड़ा और अमर ¨सह व जया प्रदा का पत्ता सपा से काट दिया गया। इसके बाद अमर ¨सह ने लोकमंच के नाम से नई पार्टी बनाई और वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इसके बाद वह लोकदल में चले गए थे। वर्ष 2014 में अमर ¨सह ने लोकदल के टिकट पर जयाप्रदा को बिजनौर से चुनाव लड़ाया, लेकिन वह हार गई थीं। अब फिर जया प्रदा को रामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी है। अब अमर ¨सह भाजपा नेताओं से मिल रहे हैं। ऐसे में जयाप्रदा को टिकट दिलाना ही इन मेल मुलाकातों का मतलब निकाला जा रहा है। जया प्रदा के प्रतिनिधि रहे मुस्तफा हुसैन कहते हैं कि जयाप्रदा कहां से चुनाव लड़ेंगी, अभी तय नहीं है, लेकिन रामपुर की जनता चाहेगी तो चुनाव लड़ सकती हैं।

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