सेना के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने भी मांगे नवाबों के हथियार
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को कर्नल मोहन काकतीकर ने भेजा पत्र
जागरण संवाददाता, रामपुर: भारतीय सेना के बाद अब छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने नवाब खानदान के हथियार मांगे हैं। म्यूजियम इन शस्त्रों के बदले कीमत या सालाना रकम भी अदा करना चाहता है। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां को पत्र लिखा है।
रामपुर में नवाब खानदान के पास करीब एक हजार हथियार हैं। रायफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बंदूकें व तलवारें भी शामिल हैं। आठ फीट लंबी बंदूक भी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश इस खानदान में बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। इसी प्रकिया के तहत पिछले माह नवाब रजा अली खां की आर्मरी खोली गई तो उसमें सैकड़ों दुर्लभ हथियार मिले। इसकी चर्चा मीडिया में होने के बाद सेना के ब्रिगेडियर एमएस जोधा ने नूर महल पहुंचकर पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां से मुलाकात की थी। इसके बाद सेना के उत्तर भारत एरिया मुख्यालय के जनरल ऑफिसर कमांडिग लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमनि ने पूर्व मंत्री को पत्र भेजकर कुछ हथियार उपहार स्वरूप मांगे थे, ताकि उन्हे सैन्य स्थलों प्रदर्शित किया जा सके। हालांकि, नवेद मियां ने सेना को पत्र भेजकर कहा था कि बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही इस बारे में कोई निर्णय हो सकेगा।
अब दिल्ली स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम ने नवाब रामपुर की आर्मरी में हथियार मांगे हैं। इसके लिए श्री छत्रपति शिवाजी महाराज मेमोरियल नेशनल कमेटी के महासचिव कर्नल मोहन काकतीकर ने पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उनकी संस्था 1981 में प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी ने स्थापित की थी। संस्था का दिल्ली में म्यूजियम है, जिसमें वह दुर्लभ हथियारों का प्रदर्शन करना चाहते हैं। इसके लिए वह सालाना रकम अथवा कीमत भी अदा करने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि हथियारों का स्वामित्व आपका ही रहेगा।
पूर्व मंत्री के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि इस पत्र का जवाब नवेद मियां बुधवार को भेजेंगे। कर्नल मोहन ने रामपुर आने की भी इच्छा जताई है।