Move to Jagran APP

नि:स्वार्थ सेवाभाव ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र

जागरण संवाददाता, मिलक : प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी क्षेत्र के खमरिया गांव में स्थित प्राचीन श्ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Aug 2018 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 06:43 PM (IST)
नि:स्वार्थ सेवाभाव ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र
नि:स्वार्थ सेवाभाव ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र

जागरण संवाददाता, मिलक : प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी क्षेत्र के खमरिया गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर रामायण पाठ और कथा श्रवण हुआ। कथा सुनने के लिए दूरदराज गांव के सैकड़ों लोग मंदिर पहुंचे। मंदिर पर कथा सुनने के बाद श्रृद्धालुओं ने भंडारे में प्रसाद खाया। इससे पूर्व मंगलवार की सुबह 11 बजे मंदिर परिसर पर रामायण पाठ आरंभ हुआ। रामायण पाठ बुधवार दोपहर एक बजे समाप्त हुआ। इसके बाद मंदिर के पुजारी हरीश गिरि ने मन्दिर सभागार में श्रद्धालुओं को शास्त्रों आदि में लिखी कथाओं को सुनाया। उन्होंने कहा कि सेवा साधन नहीं अपितु समस्त आध्यात्मिक साधनों की फलश्रुति है। निष्काम-सेवाभाव परमात्मा-सत्ता को द्रवीभूत-अह्लादित कर साधक के प्रति वात्सल्य, करुणा और अकारण कृपा-पात्रता जैसी दिव्य-उदात्त अवस्थाओं का निर्माण करती है। दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवाभाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। असहायों और गरीबों की अपने हाथों से सेवा करना सच्चे धर्मों में एक है। नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए सफलता के मार्ग पर अग्रसर हो सकें। सेवारत व्यक्ति सर्वप्रथम अपने, फिर अपने सहकर्मियों व अपने सेवायोजक के प्रति ईमानदार हो। सेवाभाव ही मनुष्य के व्यक्तित्व में निखार लाता है और उसकी पहचान बनाता है। सेवाभाव हमारे लिए केवल आत्मसंतोष का वाहक ही नहीं बनता, बल्कि संपर्क में आने वाले लोगों के बीच भी अच्छाई के संदेश को स्वत: उजागर करते हुए समाज को नई दिशा व दशा देने का काम करता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें। कथा का समापन शाम साढ़े पांच बजे हुआ । कथा समापन के बाद मंदिर पर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर खमरिया गांव के ग्रामीण और साधु संत मौजूद रहे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.