अखिलेश के बहाने प्रशासन ने वीआइपी गेस्ट हाउस पर ले लिया कब्जा
अखिलेश के बहाने प्रशासन ने वीआइपी गेस्ट हाउस पर ले लिया कब्जा
मुस्लेमीन, रामपुर: सपा मुखिया अखिलेश यादव के आगमन के बहाने प्रशासन ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की बगल में गेस्ट हाउस पर भी कब्जा ले लिया। आननफानन में गेस्ट हाउस की साफ सफाई कराकर रास्ता भी तैयार करा दिया। इसका नाम भी डा. एपीजे अब्दुल कलाम अतिथि गृह रख दिया और लिख भी दिया।
सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी की बगल में लोक निर्माण विभाग ने वीआइपी गेस्ट हाउस बनवाया था, लेकिन इस पर कब्जा सांसद आजम खां ने ही जमा रखा था, क्योंकि इस गेस्ट हाउस के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं था। यूनिवर्सिटी के गेट से होकर जाना पड़ता था और यूनिवर्सिटी गेट पर यूनिवर्सिटी के सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं, जो छात्रों और स्टाफ के अलावा किसी को अंदर नहीं जाने देते। गेस्ट हाउस यूनिवर्सिटी की चार दीवारी में आ गया था। दरअसल इसके बराबर में बिजलीघर बना है, जिसकी चार दीवारी बनाकर इसे बंद कर दिया गया। सिर्फ बिजलीघर में गेट लगाया गया था। इसके निर्माण के बाद से ही एक बी वीआईपी इसमें नहीं ठहरा। इसे कब्जामुक्त कराने के लिए भाजपाइयों ने कई बार शिकायत भी की। डायनामाइट से उड़ाने की दी थी धमकी
दो साल पहले राज्यमंत्री बलदेव औलख ने यहां जनता दरबार लगाने की बात कही थी तो आजम खां ने डायनामाइट से उड़ाने की धमकी तक दे डाली थी, लेकिन अब आजम खां पर प्रशासन शिकंजा कसे हुए है। उनके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जमीने कब्जाने, मकान तोड़ने, भैंस चोरी, बकरी चोरी और किताब चोरी के आरोप में 74 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें 30 मुकदमे तो यूनिवर्सिटी के लिए जमीनें कब्जाने के हैं। उनके बचाव में सपा मुखिया अखिलेश यादव रामपुर आए। यहीं पर रात्रि विश्राम भी किया। अखिलेश के कार्यक्रम में पहले से ही आजम खां के हमसफर रिसोर्ट में ठहरने का उल्लेख था। अधिकारी पहले ही बिजली और पानी चोरी के आरोप में इस रिसोर्ट का कनेक्शन काट चुके हैं। ऐसे में प्रशासन ने उनके रात में ठहरने की व्यवस्था इसी गेस्ट हाउस में कर डाली। आनन-फानन में साफ-सफाई कराई और ओवर ब्रिज की ओर से रास्ता भी बना दिया। इस तरह प्रशासन ने अखिलेश के बहाने गेस्ट हाउस को कब्जे में ले लिया। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता यूसी सिघल ने बताया कि गेस्ट हाउस में सारी व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं हो सका है। दो दिन के लिए साढ़े आठ हजार रुपये में टेंपरेरी कनेक्शन लिया था। अब परमानेंट कनेक्शन लेने का प्रयास करेंगे। प्रशासन ने किया था आग्रह
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि हमसफर रिसोर्ट के मुकाबले गेस्ट हाउस में हमने बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई थीं। पूर्व मुख्यमंत्री से यहीं ठहरने का आग्रह किया था, लेकिन वह यहां नहीं रुके हैं। अब गेस्ट हाउस को और बेहतर बनाया जाएगा। वीआइपी को यहीं पर ठहरने की व्यवस्था रहेगी।