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साढ़े चार सौ लीटर कच्ची शराब मिली

रामपुर : आबकारी निरीक्षकों की टीम का पुलिस के साथ छापामार अभियान जारी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:14 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:14 PM (IST)
साढ़े चार सौ लीटर कच्ची शराब मिली
साढ़े चार सौ लीटर कच्ची शराब मिली

रामपुर : आबकारी निरीक्षकों की टीम का पुलिस के साथ छापामार अभियान जारी है। शनिवार को टीमों ने बिलासपुर, केमरी, पटवाई, मिलक खानम और बिलासपुर थाना क्षेत्रों में छापेमारी की। इस दौरान 457 लीटर कच्ची शराब मिली। टीम को देख शराब बनाने वाले फरार हो गए।

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आबकारी ने छापामार कार्रवाई में 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। जिला आबकारी अधिकारी अवधेश राम के निर्देशन में आबकारी निरीक्षकों डीपी तिवारी, प्रवीन कुमार और दिनेश खरे ने टांडा थाना क्षेत्र के प्रानपुर और धीमरखेड़ा गांव में नदी किनारे छापा मारा। वहां कच्ची शराब बनाने की एक-एक भट्ठी मिली, जिसे नष्ट कर दिया। मौके से 62 लीटर शराब मिली। दोनों मामलों में आबकारी अधिनियम में मुकदमे दर्ज किए हैं। टीम ने केमरी के पिपलिया रायजादा गांव में पीलाखार नदी किनारे छापा मारा। वहां दो भट्ठियों पर कच्ची शराब बनाई जा रही थी। टीम को देख शराब बना रहे लोग नदी में कूदकर फरार हो गए। यहां से टीम को 20 लीटर कच्ची शराब मिली। बिलासपुर में भी टीम ने मुल्लाखेड़ा और गंगापुर के जंगल से 237 लीटर कच्ची शराब बरामद की। आबकारी की एक टीम पटवाई पहुंची। थाना पुलिस को साथ लेकर बूढ़पुर, खिरका और ठाकुरद्वारा गांव के जंगल में छापा मारकर 48 लीटर शराब बरामद की। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि जहां-जहां शराब बरामद हुई हैं, उन सभी में आबकारी अधिनियम के मामले दर्ज किए हैं। कुल 10 मुकदमे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कच्ची शराब बनाने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। घर में शराब बनाने के आरोप से दो भाई बरी

रामपुर : शराब बनाने के आरोप में फंसे दो भाइयों को कोर्ट से राहत मिल गई है। आरोप साबित न होने पर अदालत ने दोनों को बरी कर दिया है। आबकारी अधिनियम का यह मामला 17 साल पुराना है। केमरी थाना पुलिस ने 16 अगस्त 2002 की रात मालनखेड़ा गांव में छापा मारा था। पुलिस ने गांव में तोताराम को उसके घर से कच्ची शराब बनाते पकड़ा था। उसका भाई रोहताश फरार हो गया था। दोनों भाई घर में भट्ठी लगाकर कच्ची शराब बना रहे थे। मौके से 15 लीटर और 100 किलोग्राम लहन मिला था। पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ आबकारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया था। बाद में दोनों भाइयों ने जमानत करा ली थी। पुलिस ने दोनों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। अदालत में दोनों के खिलाफ मुकदमा चला, जिसमें 17 साल बाद फैसला आया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अकील अहमद ने बताया कि दोनों भाइयों पर लगे आरोप को अभियोजन साबित नहीं कर सका। साक्ष्य के अभाव में अदालत ने दोनों को बरी कर दिया है। जासं


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