रामपुर नवाब खानदान के बंटवारे में फिर आएगी तेजी
रामपुर नवाब खानदान के बंटवारे में फिर आएगी तेजी
मुस्लेमीन, रामपुर : नवाब खानदान की रामपुर में अरबों रुपये की संपत्ति है, जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। पहले इसे तय करने में अदालतों को 47 साल लग गए। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारे के आदेश दिए थे। जिसमें जिला जज को दिसंबर 2020 तक बंटवारा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद संपत्ति के सर्वे व मूल्यांकन के लिए अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किए। लगातार सर्वे चल रहा था लेकिन, मार्च में कोरोना महामारी के चलते हुए लॅाकडाउन में अदालतें बंद हो गई। इसके साथ ही बंटवारे की प्रक्रिया भी थम गई। अब चार जुलाई को सुनवाई होगी। इसके बाद ही बात आगे बढ़ सकेगी।
रामपुर में पौने दो सौ साल तक नवाबों का राज रहा है। आखिरी नवाब रजा अली खां की अरबों रुपये की संपत्ति है, जिसके बंटवारे को लेकर मुकदमेबाजी चलती रही। उनके तीन बेटे थे। सबसे बड़े बेटे मुर्तजा अली खां के कब्जे में अधिकांश संपत्ति रही। इसके विरोध में परिवार के दूसरे सदस्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। तर्क दिया कि जब राजशाही नहीं रही तो फिर बंटवारा भी उसकी परंपरा के अनुसार न किया जाए। इस मुकदमे में 1996 में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें राजशाही परंपरा की जीत हुई। इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि शरीयत के हिसाब से बंटवारा किया जाए।
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लॉकडाउन के दौरावन सर्वे का काम बंद हो गया था। अभी दोबारा शुरू नहीं हो सका है। हालांकि अदालत ने सुनवाई शुरू कर दी है। चार जुलाई को अदालत में फिर सुनवाई होगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई हो सकेगी। अदालत में सर्वे रिपोर्ट जमा होने के बाद हिस्सेदारों में सुलह कराने का प्रयास किया जाएगा। अगर उनमें सुलह नहीं होती है तो अदालत कानून के हिसाब से बंटवारा कराएगी।
अरुण प्रकाश सक्सेना, एडवोकेट कमिश्नर