126 माडल गांवों का हुआ चयन, जल्द खुलेंगी मृदा प्रयोगशालाएं
कोई भी फसल को बोने से पहले जमीन की उर्वरा क्षमता की जांच किया जाना बहुत आवश्यक होता है। उसके आधार पर ही बीज बोने के बाद उसके खाद-पानी आदि की व्यवस्था करनी होती है।
जागरण संवादददाता, रामपुर : कोई भी फसल को बोने से पहले जमीन की उर्वरा क्षमता की जांच किया जाना बहुत आवश्यक होता है। उसके आधार पर ही बीज बोने के बाद उसके खाद-पानी आदि की व्यवस्था करनी होती है। इसके लिए अब तक जनपद के किसानों को जिला मुख्यालय पर स्थापित मात्र एक ही प्रयोगशाला पर निर्भर रहना पड़ता है।
अब बहुत जल्द गांव स्तर पर भी इनकी स्थापना होगी। सरकार की ओर से इसकी शुरुआत हो चुकी है। अपने रामपुर में भी 126 गांवों का चयन किया जा चुका है। प्रदेश के कई जनपदों में तो इसे शुरू भी कर दिया गया है। अपने जनपद में भी कृषि विभाग को हर विकास खंड से कुछ माडल गांवों का चयन करने के लिए कहा गया था।
कृषि उप निदेशक नरेंद्र पाल ने बताया कि छह ब्लाकों में 126 माडल गांव चयनित किए गए हैं। प्रत्येक ब्लाक से 21 गांवों का चयन किया गया है। उसके बाद शासन स्तर से आगे के लिए अभी कोई आदेश इस विषय में प्राप्त नहीं हुए हैं। अगर यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो किसानों को जनपद मुख्यालय तक की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इसके साथ ही बेरोजगार युवाओं को अपने गांव में ही रोजगार भी मिल जाएगा।