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UP: आजम खान पर दर्ज हैं 108 मुकदमे, 80 से ज्यादा अदालतों में विचाराधीन, सपा के MP-MLA बोले- हो रहा उत्‍पीड़न

सपा नेता आजम खान पर सौ से अध‍िक मामले दर्ज हैं। वहीं कई मामलों में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस सब के बीच सपा के सांसद और व‍िधायको सह‍ित 27 नेताओं ने रामपुर डीएम से मुलाकात कर आजम खान के उत्‍पीड़न का आरोप लगाया है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Sun, 28 May 2023 07:51 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 07:51 AM (IST)
UP: आजम खान पर दर्ज हैं 108 मुकदमे, 80 से ज्यादा अदालतों में विचाराधीन, सपा के MP-MLA बोले- हो रहा उत्‍पीड़न
UP News: सपा नेता आजम खान पर दर्ज हैं 108 मामले

रामपुर, जागरण संवाददाता। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां का उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के सांसदों और विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपकर आजम खां और सपाइयों का उत्पीड़न बंद किए जाने की मांग की। आजम खां के खिलाफ 108 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 80 से ज्यादा अदालतों में विचाराधीन हैं।

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27 अक्टूबर 2022 को भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें तीन साल की सजा हो गई थी। इसके बाद उनकी विधायकी भी चली गई और फिर यहां हुए उपचुनाव में भाजपा जीत गई। आजम खां ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। तीन दिन पहले स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिकारी ने कोर्ट में बयान दिया कि उन्होंने जिलाधिकारी के दबाव में आजम खां के खिलाफ तहरीर दी थी।

इस पर सपाइयों का कहना है कि आजम खां का उत्पीड़न किया गया है। उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। ज्ञापन में कहा है कि पूर्व मंत्री आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तजीन फातिमा एवं उनके समर्थकों व पार्टी पदाधिकारियों पर फर्जी मुकदमे लगाकर वर्षों जेल में रखा गया। न्यायालय के हस्तक्षेप पर उक्त लोग जेल से मुक्त हुए।

इसी मध्य आजम खां पर लगाए गए झूठे इल्जाम और तथाकथित हेट स्पीच पर अधिकतम सजा देकर घंटेभर में उनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म करा दी गई। आजम खां का वोट देने का अधिकार भी छीन लिया गया। उक्त मुकदमे में 24 मई को एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा जब उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया तब शासन और प्रशासन ने गुंडागर्दी कर पैरोकारों और गवाहों को उनके घरों से जबरन उठाकर थाने में बंद कर दिया। यहां तक कि कचहरी परिसर और संबंधित कोर्ट के बाहर से अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी नगर एवं थानाध्यक्ष टांडा द्वारा मारते हुए ले जाकर अज्ञात स्थान पर बंद कर दिया गया।

ज्ञापन में कहा है कि सपा के बढ़ते जनाधार से घबराकर भाजपा सरकार सपा को कमजोर करने के लिए और सपा नेताओं को बदनाम करने के लिए फर्जी मुकदमे लगाकर उत्पीड़न करने का काम कर रही है। संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ज्ञापन में मांग की गई है कि तत्काल हस्तक्षेप कर आजम खां, उनके समर्थकों पर रोक लगाई जाए। सपाइयों के सपा के प्रतिनिधिमंडल के मद्देनजर कचहरी और सपा कार्यालय के आसपास पुलिस बल तैनात रहा। सपाइयों के वाहनों की चेकिंग भी की गई।

प्रतिनिधि मंडल में संभल के सांसद शफीक उर्रहमान बर्क, मुरादाबाद के सांसद डॉक्टर एसटी हसन, राज्यसभा सदस्य जावेद खां, बिलारी के विधायक मोहम्मद फहीम, चमरौआ के विधायक नसीर अहमद खां, कांठ के विधायक कमाल अख्तर, कुंदरकी के विधायक जियाउर्रहमान, ठाकुरद्वारा के विधायक नवाब जान, असमोली की विधायक पिंकी यादव, विधायक हाजी नासिर कुरेशी, रामपुर के निवर्तमान जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल, पूर्व अध्यक्ष अखिलेश यादव और अमरजीत सिंह आदि 27 नेता शामिल रहे।


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