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अखाड़ा बनी कलेक्ट्रेट, घंटों चला जिपं सदस्यों का प्रदर्शन

रायबरेली जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की रार ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। डीएम द्वारा निध

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 12:29 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 12:29 AM (IST)
अखाड़ा बनी कलेक्ट्रेट, घंटों चला जिपं सदस्यों का प्रदर्शन
अखाड़ा बनी कलेक्ट्रेट, घंटों चला जिपं सदस्यों का प्रदर्शन

रायबरेली : जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की रार ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। डीएम द्वारा निर्धारित तारीख पर कलेक्ट्रेट पहुंचे डीडीसी प्रपत्रों के सत्यापन न होने पर भड़क गए। जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ही धरना देने लगे। उनकी सुनी न गई और खाकी को आगे कर दिया गया। इसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक लोगों को कलेक्ट्रेट से भगाया गया। इस दौरान करीब तीन घंटे तक कलेक्ट्रेट में बवाल चलता रहा।

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जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इसमें 31 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे। न्यायालय के आदेश पर 20 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों का सत्यापन होना था। मगर, इसके एक दिन पहले ही जिला प्रशासन ने नौ सदस्यों के मुकर जाने की बात कहते हुए अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया। उधर, शनिवार को सभी सदस्य कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इनका कहना था कि 31 सदस्य यहां आए हैं। जिन सदस्यों को आधार मान कर प्रशासन ने प्रस्ताव खारिज किया है, उनसे सामना कराया जाए, मगर प्रशासन उनकी यह बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद जब जिपं सदस्यों ने संख्याबल आगे किया तो प्रशासन ने पुलिस की ताकत दिखाई, बलपूर्वक सदस्यों को वहां से खदेड़ दिया गया। कप्तान के पहुंचते ही शुरू हो गया दंगल

पहले तो सीओ सिटी गोपीनाथ सोनी समेत अन्य कई अफसर जिपं सदस्यों को समझाने प्रयास कर रहे थे, मगर वे अपनी संख्या को डीएम के सामने ले जाने पर आमादा थे। इसके बाद कप्तान सुनील सिंह वहां पहुंचे और फिर खाकी ने सबको भगाना शुरू कर दिया। कलेक्ट्रेट से लेकर एडीएम प्रशासन के कार्यालय तक पुलिस और डीडीसी के बीच खूब झड़पें हुई। वहां से आने के बाद करीब एक घंटे तक महिला और पुरुष सदस्य जिला निर्वाचन कार्यालय के सामने धरने पर बैठे थे।

एडीएम न्यायिक निर्धारित करेंगे तारीख

अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार प्रजापति का कहना है कि नौ सदस्यों ने प्रस्ताव में गलत तरीके से हस्ताक्षर कराने की बात कही थी। जिस पर सत्यापन की डेट बढ़ा दी गई। अब एडीएम न्यायिक सत्यापन की अगली तारीख तय करेंगें। सत्ता के दबाव में होने और भाजपा प्रत्याशी के इशारे पर काम प्रशासन के काम कराने के आरोपों पर कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया।


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