स्टेडियम मरम्मत में पीले ईंट और घटिया मसाला का प्रयोग
रायबरेली : ग्रामीण अंचलों में बदहाल पड़े स्टेडियम की दशा संवारने के लिए जारी किए गए बजट
रायबरेली : ग्रामीण अंचलों में बदहाल पड़े स्टेडियम की दशा संवारने के लिए जारी किए गए बजट में जमकर बंदरबांट चल रहा है। ऐसा कोई और नहीं बल्कि देखरेख करने वाले विभाग के मुखिया का पत्र बता जा रहा है। कार्यदायी संस्था की मनमानी के चलते वाय¨रग समेत बाउंड्रीवाल निर्माण आदि कार्यों में मनमानी हो रही है। निर्माण कार्य में पीले ईंट के साथ ही बालू का प्रयोग हो रहा है। हाल ही में जिले की एक टीम ने जांच भी की। टीम की रिपोर्ट बाद जिला युवा कल्याण अधिकारी ने सीडीओ और डीएम को पत्र भेजा है। जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग की ओर से जिले में चार मिनी स्टेडियम बनाए गए हैं। पिछले काफी समय से इनकी दशा खराब है। बाउंड्रीवाल तो कहीं पर वाय¨रग की समस्या है। इसके लिए शासन से 91.60 लाख का बजट जारी किया गया। इसमें वाय¨रग के कार्य की जिम्मेदारी सीएंडडीएस, जबकि निर्माण कार्य ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग को मिली है। वर्तमान में बछरावां, सलेथू, निहस्था और सलोन मिनी स्टेडियम में कार्य चल रहा है। इसमें मानकों की अनदेखी की जा रही है। बालू-सीमेंट के मानकविहीन मसाले से बाउंड्रीवाल बनाई जा रही है। उधर, जिला युवा कल्याण अधिकारी का कहना है कि विभाग की ओर से जांच आख्या के साथ पत्र भेजा गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी।
इनसेट
किस स्टेडियम के लिए कितना मिला बजट
सलोन 16.55
निहस्था 32.16
सलेथू 18.75
बछरावां 24.14 मौरंग की जगह बालू से बन रहा मसाला
कस्बा स्थित इंडोर स्टेडियम में अधूरी बाउंड्रीवॉल, रंग रोगन, वाय¨रग, नाला निर्माण, खड़ंजा निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को देखकर क्षेत्रीय लोग संशकित हैं। स्टेडियम के मुख्य गेट से लेकर बि¨ल्डग तक खड़ंजे का निर्माण होना है। दिखावे के लिए मौरंग रखी गई। मसाला में बालू की अधिकता की जा रही है। इसी मानक विहीन मिश्रण से तैयार बाउंड्री पर प्लास्टर भी किया जा रहा है।