रायबरेली हत्याकांड के चश्मदीद की संदिग्ध हालात में मौत
11 जुलाई को अमृतलाल की तबीयत बिगड़ी तो परिवार वाले उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
रायबरेली (जेएनएन)। अप्टा कांड में सफारी कार की चपेट में आकर घायल हुए किसान अमृत लाल की उसके घर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई। खून की कमी होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन घरवाले उसे वापस गांव लेकर चले गए थे जहां सोमवार की शाम उसकी मौत हो गई। वह इस कांड का चश्मदीद भी था।
26 जून की रात अप्टा और बरगदहा गांव के बीच पांच युवकों की हत्या कर दी गई थी।
ये बात सामने आयी थी कि मृतक रोहित की सफारी की टक्कर लगने से बरगदहा निवासी अमृतलाल प्रजापति (55) घायल हो गया था। उसे पहले जिला अस्पताल और फिर रोहनिया के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार होने पर घरवाले उसे वापस गांव ले आए थे।
11 जुलाई को अमृतलाल की तबीयत बिगड़ी तो परिवार वाले उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। शरीर में खून की कमी होने पर डाक्टरों ने 16 जुलाई को उसे लखनऊ रेफर कर दिया। वहीं घरवाले पैसों का इंतजाम करने की बात कहकर उसे घर ले आए।
सोमवार शाम अमृतलाल की मौत हो गई। अमृतलाल ही एकमात्र ऐसा शख्स था, जिसके सामने घटना हुई। वह हादसे में घायल हुआ था, इसलिए उसकी गवाही सबसे अहम मानी जा रही थी। घायल होने के कारण पूर्व में अमृतलाल ने घटना के संबंध में विशेष जानकारी पुलिस को नहीं दी थी।
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अब जब ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि वह ठीक हो गया होगा, तो उलटा परिणाम ही सामने आ गया। अमृतलाल की मौत ने केस की तहकीकात में जुटे अधिकारियों को भी चौंका दिया है। कोतवाल धनंजय सिंह ने बताया कि अमृतलाल का बयान दर्ज करने के लिए वह अस्पताल गए थे लेकिन पता चला कि उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया है। सोमवार शाम गांव से सूचना मिली की उसकी मौत हो गई। तहकीकात की जा रही है।
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