UP Roadways: यूपी में रोडवेज कर्मचारियों को बड़ी राहत, अब एक कार्रवाई में मिलेगी छूट
UP Roadways News: रोडवेज ने हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, कर्मचारियों को एक तरह की सजा से बड़ी राहत मिली है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक प्रभु नारायण सिंह ने रोडवेज के हजारों परिचालकों को बड़ी राहत दी है।
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जागरण संवाददाता, रायबरेली। रोडवेज ने हजारों कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है, कर्मचारियों को एक तरह की सजा से बड़ी राहत मिली है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक प्रभु नारायण सिंह ने रोडवेज के हजारों परिचालकों को बड़ी राहत दी है।
उन्होंने आदेश दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन के डैमेज होने पर पहली बार में कंडक्टरों से कोई वसूली नहीं की जाएगी यानी उन पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। अभी तक इरादतन/गैर इरादतन ईटीआईएम मशीन (टिकटिंग मशीन) के डैमेज/खराब हो जाने की दशा में दोषी परिचालक से जुर्माने की वसूली की जाती है। अब उन्हें इससे राहत मिलेगी।
प्रतिस्थापन व्यय भार अब निगम स्तर से वहन किया जाएगा। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने इस संबंध में सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश जारी कर कहा है कि दोषी कार्मिक अगर एक वर्ष में दोबारा ईटीआईएम मशीनों को फिजकली डैमेज व क्षति पहुंचाने की घटना करता है तो इसके प्रतिस्थापन व्ययों की प्रतिपूर्ति/वसूली दोषी कार्मिक से की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रयोगकर्ता कार्मिक मशीन खो जाने की स्थिति में उसकी लापरवाही स्वतः सिद्ध मानी जाएगी। इसे ध्यान में रखकर क्षतिपूर्ति/वसूली की कार्रवाई जिम्मेदार परिचालक से की जाएगी। अभी तक की व्यवस्था के अनुसार इरादतन/गैर इरादतन ईटीआईएम मशीन के खो जाने/खराब हो जाने की दशा में दोषीकर्मी से ही ईटीआईएम मशीनों को हुए फिजकल डैमेज/वसूली की जाती रही है। क्षेत्रीय अधिकारियों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर विचार के बाद मुख्यालय स्तर से यह निर्णय लिया गया है कि पहली बार डैमेज/खराब होने की स्थिति में मशीनों का खर्च निगम स्तर से उठाया जाएगा।
परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (आईटी) यजुवेंद्र कुमार का कहना है कि मशीन के डैमेज होने की बात करें तो शीशे से लेकर कवर और पूरी मशीन तक डैमेज हो सकती है। अगर शीशा व कवर डैमेज हुआ तो 70 रूपये से लेकर 200 रूपये तक में दुरुस्त हो जाता है। अगर पूरी मशीन ही डैमेज हो जाती है तो जीएसटी जोड़कर 25000 रूपये तक की वसूली का प्रावधान है। ऐसे में अब अगर पूरी मशीन भी साल में एक बार कंडक्टर से डैमेज होती है तो 25 हजार रूपये तक के माफी हो सकती है।

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