आधे घंटे बच्ची के सामने रोया, फिर दबाया मुंह
रायबरेली वह कभी पिता बना तो कभी जालिम। पत्नी और दोस्त की हत्या करने के बाद घर में जो जि
रायबरेली : वह कभी पिता बना तो कभी जालिम। पत्नी और दोस्त की हत्या करने के बाद घर में जो जिदा बची थी, वो थी उसकी बेटी। ऐसे में वह जब नन्हीं सी जान के पास पहुंचा तो पिता वाला भाव पहले हावी हो गया। करीब आधे घंटे तक उसने जो मन में आया, सबकुछ बच्ची से कह डाला। फिर खूब रोया भी, लेकिन आंखों में उसके खून उतर चुका था। उसके हाथ सीधे बिटिया के मुंह पर पहुंच गए और उसकी सांसें रोक दी। कुछ ही पल में वह बेदम हो गई और फिर मां के बगल उसको लिटाकर आग लगा दी।
हत्यारोपित शीबू को शक था कि अवनी उसके दोस्त की ही बेटी है। न की उसकी। इस गलतफहमी के चलते वह तनावग्रस्त रहता था। उसने खुद पुलिस की पूछताछ में ये बात कही है। बताया कि पत्नी मोनी और दोस्त ननचू की हत्या के बाद बिटिया पर तरस आया जरूर, लेकिन मन के अंदर जो भड़ास भरी थी। उसने कुछ भी समझने बूझने का मौका नहीं दिया। जब नीचे उतरकर उसने बेटी को निहारा तो वो टीवी देख रही थी। इसके बाद शीबू उसके पास जा बैठा। बातें कीं फिर मुंह दबा दिया।
पणजी से ली ट्रांजिट रिमांड
दस मार्च को शीबू गोवा से गिरफ्तार किया गया। पणजी कोर्ट से उसकी पांच दिन की ट्रांजिट रिमांड ली गई। 14 अप्रैल को पुलिस टीम उसे लेकर रायबरेली पहुंची और शनिवार को उसे जेल भेज दिया गया। जब गैर प्रांत में आरोपित की गिरफ्तारी होती है तो उसे वापस संबंधित जिला ले जाने के लिए उस प्रांत की कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेनी होती है। गैर प्रांत से संबंधित जनपद तक आने के लिए सफर में जितने दिन लगते हैं, उतने दिन की ट्रांजिट रिमांड मिलती है।
कर्ज से बचने को किया नाटक
शीबू के अनुसार वह मानसिक संत्रास में जी रहा था। पत्नी पर संदेह के चलते उसका कामधाम में मन नहीं लग रहा था। इसी के चलते मोबाइल की उसकी दुकान ठप हो गई। मुर्गी पालन का व्यवसाय भी दम तोड़ गया। उसके पिता हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे। उनकी दिए पैसों से ही इसका घर परिवार चल रहा था। इधर, उसने लोगों से कर्जा भी खूब ले रखा था। इन सबसे मुक्ति पाने के लिए उसने साजिश रची। एक तख्त पर पत्नी, बच्ची और दोस्त की लाश को रखकर जलाया, ताकि लोग इसे सामूहिक आत्महत्या मानें और वह सुदूर कोई नया ठौर ठिकाना बना ले।
14 की टीम 20 हजार का इनाम
15 दिनों के भीतर जिस टीम ने इस रहस्यमयी वारदात का राजफाश किया। उसमें पुलिस विभाग के 14 अधिकारी, कर्मचारियों को 20 हजार रुपये का पुरस्कार कप्तान स्वप्निल ममगाईं द्वारा दिया गया। इस टीम में मीडिया सेल के राजेश सिंह, एसओ नसीराबाद रवींद्र सोनकर, एसओजी प्रभारी अमरेश त्रिपाठी, एसआइ अजय यादव, रामाधार, संतोष सिंह, अरुण, दुर्गेश सिंह, जीतेंद्र सिंह, सौरभ शर्मा, रुपेंद्र शर्मा, पंकज सिंह, हरेंद्र सिंह, राहुल कुमार आदि शामिल रहे।
35 सिम और दो लाख से ज्यादा नकदी
हत्यारोपित शीबू ने महज 10 दिन में 35 सिम इस्तेमाल किए। इससे साफ पता चलता है कि सिम खरीदने में भी नियम कानून का माखौल कैसे उड़ रहा है। उसके पास 2.,11,340 रुपये नकद भी बरामद हुए। जबकि मोटरसाइकिल अमेठी के जायस कस्बे से जब्त की गई।