चलती मालगाड़ी से गेहूं की बोरियों की चोरी
रायबरेली : चलती ट्रेनों में सोने-चांदी, नकदी और कोयले की चोरी के सीन कई बार फिल्मों मे
रायबरेली : चलती ट्रेनों में सोने-चांदी, नकदी और कोयले की चोरी के सीन कई बार फिल्मों में देखे गए। मगर, सोनिया नगर के लोगों ने शुक्रवार को असलियत में ऐसी चोरी देखी तो सकते में आ गए। यह चोरी गहने और नकदी की नहीं, बल्कि गेहूं की हो रही थी। चलती मालगाड़ी से कुछ लोग गेहूं की बोरियां बाहर फेंक रहे थे तो कुछ उन्हें उठाकर भाग रहे थे। लोगों ने दौड़ाया तो चोर बोरियां छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने चार बोरियो में फेंका गया करीब दो क्विंटल गेहूं कब्जे में लिया है।
रायबरेली रेलवे स्टेशन के पास स्थित रूपामऊ रेलवे साइ¨डग से एक मालगाड़ी (एसजीडब्ल्यूएफ) सुबह 10.30 बजे गेहूं की बोरियां लेकर बेंगलुरु के लिए निकली थी। शहर के सोनिया नगर के पास रेलवे लाइन है। ट्रेन जब इस रेलवे लाइन से गुजरी तो उसकी बोगी से गेहूं की बोरियां बाहर गिरती देख स्थानीय लोग दंग रह गए। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो करीब चार या पांच लोग थे। इनमें से कुछ लोग मालगाड़ी के एक डिब्बे के अंदर चढ़े थे और कुछ लोग पैदल लाइन के किनारे-किनारे चल रहे थे। बोगी से एक के बाद एक गेहूं की बोरियां फेकी जा रही थीं और बाहर चल रहे लोग उन्हें उठाकर ले जा रहे थे। इसी बीच लोगों ने बोरियां ले जा रहे चोरों को दौड़ा लिया। लोगों के दौड़ाने पर चोर बोरियां वहीं छोड़कर फरार हो गए। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की तो रेलवे लाइन के किनारे अलग-अलग दूरी पर चार बोरियां बरामद हुई। पुलिस ने उसे कब्जे में ले लिया है। फट गई थी बोरी, बिखरा पड़ा था गेहूं
चलती ट्रेन की बोगी से फेंके जाने क कारण कई बोरियां फट गई थीं। एक बोरी तो तालाब में जाते-जाते बची। तमाम गेहूं रेलवे लाइन के किनारे बिखरा हुआ पड़ा था। पुलिस ने आसपास के लोगों की मदद बोरियां उठाकर एक जगह एकत्र किया। यह वाकया पूरे दिन इलाके में चर्चा का विषय बना रहा। तो क्या तोड़ी गई बोगी में लगी सील
रेलवे की मालगाड़ी में सामान की सुरक्षा काफी कड़ी होती है। कोच में सामान रखने के बाद उसके दरवाजे पर लोहे की विशेष चाभी लगाकर उसे बंद किया जाता है। फिर उसे सील कर दिया जाता है। यही नहीं, जब तक ट्रेन साइ¨डग पर रहती है, आरपीएफ उसकी सुरक्षा करती है। सील तभी खुलती है, जब सामान की अनलो¨डग होनी होती है। गेहूं की बोरियां भी बंद डिब्बे में सील लगाकर भेजी गई थीं। रेलवे के नियमानुसार ट्रेन चलने से पहले एक बार सारे डिब्बों और उनमें लगी सील की जांच होती है। इसके बाद ही ट्रेन रवाना की जाती है। ऐसे में स्पष्ट है कि या तो चोर डिब्बे की सील तोड़कर अंदर घुसे या फिर न तो सील लगी और न दरवाजा बंद किया गया। बिना साठगांठ संभव नहीं इतनी बड़ी वारदात
रेलवे के सामान को चुराना किसी बड़ी मुसीबत को मोल लेन से कम नहीं है। या फिर विभाग में अच्छी साठगाठ हो। इस घटना में भी कुछ ऐसी ही आशंका जताई जा रही है। रूपामऊ रेलवे साइ¨डग और सोनिया नगर में वह स्थान जहां बोरियां मिलीं, दोनों के बीच एक किलोमीटर से भी कम फासला है। ट्रेन चल रही थी। ट्रेन को यह दूरी तय करने में ज्यादा वक्त नहीं लगा होगा। इतने कम समय में ट्रेन पर चढ़कर गेहूं उड़ाना कर्मचारियों के बिना मिलीभगत या लापरवाही के संभव नहीं है। पहले सीमेंट की बोरियां भी हो चुकीं चोरी
ऐसी ही एक घटना पहले भी हुई थी। बात साल 2015-16 की है। बताते हैं कि शहर से सीमेंट की बोरियां एक मालगाड़ी में जा रही थीं। शहर के पास ही चोरों ने ट्रेन से सीमेंट चुराने की कोशिश की थी। सीमेंट की करीब 25 बोरियां बोगी क बाहर फेंकी भी गई थीं। मगर, चोर उन्हें ले नहीं जा सके थे। आरपीएफ ने जब चोरों की धरपकड़ शुरू की थी तो घटनाएं रुक गई थीं। लगता है कि एक बार फिर वही चोर सक्रिय हो गया है। आरपीएफ करेगी पड़ताल
मालगाड़ी से गेहूं की बोरी चोरी होने की घटना जानकारी में नहीं है। एक गालगाड़ी में गुरुवार रात गेहूं की लो¨डग हुई थी। वही, सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना की गई है। यदि इस ट्रेन में ऐसी घटना हुई है तो आरपीएफ इसकी छानबीन करेगी।
-राकेश कुमार, स्टेशन अधीक्षक घटना बड़ी, होगी जांच
अभी तक कोई विभागीय सूचना लिखित या मौखिक नहीं मिली है। वैसे तो नियमानुसार ट्रेन जहां गई है, वहां मालगाड़ी के सारे डिब्बों की जांच के बाद कमी मिलने पर सूचना आती है। तब जांच होती है। मगर, यदि ऐसा हुआ है तो घटना छोटी नहीं है। इसकी अपने स्तर से छानबीन करूंगा।
-रवि पाल, कार्यवाहक थाना प्रभारी, आरपीएफ