ऑक्सीजन की दरकार बता नवजात को भेजा मां से दूर
रायबरेली : निजी अस्पतालों में किस तरह शोषण होता है, इसका नजारा सोमवार रात जिला अस्पताल म
रायबरेली : निजी अस्पतालों में किस तरह शोषण होता है, इसका नजारा सोमवार रात जिला अस्पताल में दिखा। पिता नवजात को गोद में लेकर आया। बोला, साहब बच्चे को ऑक्सीजन देना है, भर्ती कर लीजिए। डिलीवरी के नाम पर जमकर वसूली करने वाले नर्सिंग होम के डॉक्टर ने सादे पर्चे पर रेफर लेटर बना दिया। सीएमओ ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
ऊंचाहार के हटवा निवासी राम मूरत ने सोमवार शाम पत्नी माधुरी को प्रसव पीड़ा होने पर सिविल लाइंस के निकट निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डिलीवरी के लिए 22 हजार रुपये जमा करा लिए गए। रात 8.30 बजे माधुरी ने बच्चे को जन्म दिया। तीन घंटे बाद राम मूरत को बताया गया कि बच्चे को ऑक्सीजन पर रखना है। इसलिए नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती करा दें। नर्सिंग होम से उसे सादे पेपर पर रेफर टू डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लिखकर भेज दिया गया। रात लगभग 12 बजे वह नवजात को सीने से चिपकाए जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचा। यहां चिकित्सक ने पूछा कि क्या हुआ। तब उसने बताया कि बच्चे को ऑक्सीजन की जरूरत है। रेफर लेटर देख सरकारी चिकित्सक भी हक्का-बक्का रह गए। अभी इलाज बच्चा वार्ड में चल रहा है।
ऑक्सीजन नहीं कोई और दिक्कत होगी
सीएमओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नर्सिंग होम में ऑक्सीजन देने की व्यवस्था होती है। हो सकता है कि बच्चे को कोई और बीमारी रही हो, इसलिए उसे भेजा गया होगा। उनसे पूछा गया कि सादे पेपर पर रेफर लेटर का क्या मतलब। उन्होंने कहा कि ये गलत है। जांच करायी जाएगी।
बाल रोग विशेषज्ञ की सिर्फ नेम प्लेट
माधुरी के बच्चे को उससे दूर करने की वजह अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ के मौजूद न होने को बतायी जा रही है।