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शिक्षण कार्य में लापरवाही पर दो प्रधानाध्यापिका निलंबित

जागरण संवाददाता, रायबरेली : शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतना दो प्रधानाध्यापिकाओं को भारी

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Apr 2018 07:52 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2018 07:52 AM (IST)
शिक्षण कार्य में लापरवाही पर दो प्रधानाध्यापिका निलंबित
शिक्षण कार्य में लापरवाही पर दो प्रधानाध्यापिका निलंबित

जागरण संवाददाता, रायबरेली : शिक्षण कार्य में लापरवाही बरतना दो प्रधानाध्यापिकाओं को भारी पड़ गया। डीएम के निर्देश मंगलवार को हुए निरीक्षण में अनियमितता मिलने पर बीएसए ने दोनों को निलंबित कर दिया। वहीं अन्य को कार्य में सुधार लाने की चेतावनी दी है। इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मचा है।

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डीएम संजय खत्री ने मंगलवार को प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रास चे¨कग कराई थी। इसमें कहीं पर छात्र संख्या कम, तो कहीं एमडीएम की खामी मिली। निरीक्षण के दौरान महराजगंज विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मझिगवां में प्रधानाध्यापिका पूनमलता गैरहाजिर मिली। इस दौरान पूर्व में किसी तरह की कोई सूचना भी नहीं देने की बात कही गई। इसी तरह महराजगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय कुबना के एमडीएम रजिस्टर में छेड़छाड़ मिला। यहां पर रजिस्टर में व्हाइटनर लगा मिला। इस बाबत प्रधानाध्यापिका शारदा देवी से पूछा गया, तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी।

खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से शाम को निरीक्षण आख्या दी गई। बीएसए संजय शुक्ला ने मामले में कड़ा रूख अख्तियार करते हुए दोनों प्रधानाध्यापिकाओं को निलंबित करने का फरमान जारी कर दिया। साथ ही छात्र संख्या कम होने वाले विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को उपस्थिति बढ़ाने की चेतावनी दी।

आखिर कहां से लीक हो गई निरीक्षण की सूचना

हालांकि डीएम ने सोमवार को बीएसए ने क्रास चे¨कग कराने के निर्देश दे दिए थे। साथ ही इसे गुप्त रखने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद यह सूचना लीक हो गई। शिक्षकों ने एक-दूसरे को निरीक्षण के बाबत जानकारी दे दी। यही वजह रही कि मंगलवार को लेटलतीफ आने वाले शिक्षक भी राइट टाइम नजर आए। ऐसे में सूचना लीक न हुई होती, तो कइयों पर कार्रवाइ्र होनी तय थी। छात्र उपस्थिति की खुली पोल

स्कूल चलो अभियान के तहत नवीन एडमिशन को लेकर अभिभावकों को जागरूक करने की बात अफसरों द्वारा कही जा रही है। मंगलवार को जब निरीक्षण हुआ, तो सबकुछ बदला मिला। स्कूल चलो अभियान की रैली तो निकलने का दावे की पोल खुल गई। अधिकांश विद्यालयों में छात्रों की उपस्थित पचास फीसदी भी नहीं रही। ऐसे में रैली कैसे निकलती है, इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है।


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