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ऑल इंडिया रेलवे क्रॉस कंट्री दौड़ में रायबरेली एक्सप्रेस सुधा सिंह ने बाजी मारी

50वीं अखिल भारतीय रेलवे (महिला-पुरुष) क्रॉस कंट्री दौड़ (दस किलोमीटर) में मध्य रेलवे की सुधा सिंह ने महिला वर्ग में बाजी मारी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 02:23 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 02:24 PM (IST)
ऑल इंडिया रेलवे क्रॉस कंट्री दौड़ में रायबरेली एक्सप्रेस सुधा सिंह ने बाजी मारी
ऑल इंडिया रेलवे क्रॉस कंट्री दौड़ में रायबरेली एक्सप्रेस सुधा सिंह ने बाजी मारी

रायबरेली, जेएनएन। इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियाई खेल की स्टीपलचेज दौड़ (तीन हजार मीटर) में रजत पदक जीतने वाली सुधा सिंह ने पहली बार अपने गृह जनपद में किसी बड़ी स्पर्धा में भाग लेते हुए स्वर्णिम प्रदर्शन किया। 50वीं अखिल भारतीय रेलवे (महिला-पुरुष) क्रॉस कंट्री दौड़ (दस किलोमीटर) में मध्य रेलवे की सुधा सिंह ने महिला वर्ग में बाजी मारी। अपने घर में स्वर्ण पदक जीतने पर सुधा सिंह ने काफी प्रसन्नता भी व्यक्त की।

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रायबरेली के आधुनिक रेल कोच कारखाना लालगंज में आयोजित क्रॉस कंट्री रेस के महिला वर्ग में सुधा सिंह (सेंट्रल रेलवे) पहले स्थान पर रही जबकि एनसीआर की नंदिनी गुप्ता तथा वेस्टर्न रेलवे की किरण दूसरे व तीसरे स्थान पर रही। पुरुष वर्ग में उत्तर पश्चिम रेलवे के रोबिन पहले स्थान पर रहे। सुधा सिंह के नेतृत्व में सेंट्रल रेलवे की महिला टीम ने भी बाजी मारी। दक्षिण पश्चिम रेलवे ने दूसरा तथा वेस्टर्न रेलवे ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पुरुष वर्ग में सेंट्रल रेलवे पहले स्थान पर एनसीआर दूसरे स्थान पर तथा वेस्टर्न रेलवे तीसरे स्थान पर रही। इस आयोजन में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित एथलीट गुलाब चंद्र तथा एसडी एहसान भी मौजूद थे।

सुधा ने कहा-घर में बड़ी स्पर्धा होने के कारण था तनाव

रायबरेली के गांव की मूल निवासी सुधा सिंह ने कहा कि रायबरेली में यह मेरी पहली बड़ी एथलेटिक स्पर्धा थी। उन्होंने कहा कि जकार्ता एशियाड के बाद लंबे समय से आराम कर रही थी। फिलहाल वेट कम करने के साथ ही अपनी फिटनेस पर ध्यान है। रायबरेली में हो रहे इस आयोजन को लेकर काफी तनाव था, लेकिन अब दोहरी सफलता मिलने के कारण काफी खुशी भी है।

सुधा सिंह ने कहा कि वह अपने जिले में खेल प्रतिभा को सामने लाने के लिए प्रयास में लगी हैं। यहां पर एथलीटों के लिए अच्छी सुविधा नहीं है। सरकारी स्तर पर प्रयास किया लेकिन कोई लाभ नही हुआ। सुधा ने कहा कि अब तो गांव के बच्चों की प्रतिभा निखारने का काम करना है। उन्होंने कहा कि अपना स्टेडियम बनाने के प्रयास में तीन-चार जगह पर जमीन देखी है। अपनी अकादमी से अच्छे एथलीट निकालने की योजना तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि मैं क्रॉस कंट्री रेस में कभी नहीं दौड़ी थी, अपने घर में जब आयोजन की सूचना मिली तो फिर मना नहीं कर सकी। इसके बाद दोहरी सफलता मिलने से बेहद खुशी मिली है।

सुधा को रेलवे में प्रमोशन

एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली एथलीट सुधा सिंह को रेलवे भर्ती बोर्ड ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया है। उन्हें ऑफिसर ग्रेड बी का दर्जा दिया गया है। सुधा को यह तीसरा आउट आफ टर्न प्रमोशन मिला। जकार्ता एशियन गेम्स में सुधा सिंह ने 3000 मीटर स्टेपल चेज दौड़ में सिल्वर मेडल जीता था। इससे पहले 2010 में एशियन गेम्स में सुधा सिंह ने गोल्ड मेडल जीतकर नाम कमाया था। सुधा सिंह दो बार ओलंपिक गेम्स में भी प्रतिभाग कर चुकी है। मध्य रेल खेलकूद संगठन ने खेल कोटे से उन्हें 1996 मैं जूनियर टीसी के रूप में भर्ती किया था। उन्हें दो बार आउट आफ टर्न प्रमोशन दिया गया सुधा इस समय सेंट्रल रेलवे में सीटीआई की पोस्ट पर कार्यरत है। 


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