जनता दर्शन सोनिया का कमान राहुल के हाथ, चुनाव में नुमाइंदगी पर चर्चा
सोनिया गांधी लंबे अर्से बाद रायबरेली आईं। इसके पीछे उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया। ऐसे में 2019 का चुनाव पार्टी से कौन लड़ेगा? सवाल अबूझ पहेली है।
रायबरेली (रसिक द्विवेदी)। सांसद सोनिया गांधी इस बार लंबे अर्से बाद रायबरेली आईं। इसके पीछे उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया। ऐसे में लोकसभा 2019 का चुनाव पार्टी से कौन लड़ेगा? यह सवाल एक अबूझ पहेली है। मगर कई मर्तबा ऐसे नजारे दिख जाते हैं, जो हलका इशारा तो करते ही हैं। बात हमारी नहीं लोगों की जुबानी है...कि आखिर करीब 10 साल बाद राहुल गांधी रायबरेली के मतदाताओं से सीधे मुखातिब क्यों हुए। इसके पीछे राज क्या है? पार्टी क्या संदेश देना चाहती है?
शहर से करीब चार किमी दूर भुएमऊ गेस्ट हाउस का नजारा इस बार कुछ बदला था। इस परिसर में रायबरेली की सांसद सोनिया गांधी थीं। अमूमन उनके चुनावी या सामान्य दौरे हों कई बार प्रियंका वाड्रा ही उनके साथ यहां आती रही हैं। इस दफा अमेठी के सांसद व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी साथ थे। सुबह जब जनता दर्शन की शुरूआत हुई तो लगा कि सोनिया थोड़ी देर में अपने मतदाताओं के बीच आएंगी। मगर ऐसा हुआ नहीं। पूरी बागडोर राहुल के हाथ में थी। उनके साथ सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरीलाल शर्मा व अन्य पार्टी नेता थे। एक-एक करके लोगों से उनकी बातें सुनी गईं। निदान का भरोसा दिया गया। इसके बाद सोनिया गांधी कमरे से निकल सीधे डाकघर स्थित पासपोर्ट दफ्तर के उद्घाटन को चली गईं। करीब 20 मिनट बाद राहुल गांधी रायबरेली के रास्तों से होते हुए अपने संसदीय क्षेत्र के गांवों में चले गए। कांग्रेस के एक जिम्मेदार नेता से जब सवाल हुआ कि 2019 में कौन नुमाइंदगी करेगा? नाम न छापने की बात जोड़ते हुए वे बोले कि कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन, राहुल गांधी की आज की जो कार्यप्रणाली दिखी वो कुछ संकेत तो दे ही रही है। हालांकि मंगलवार को व्यक्तिगत मुलाकात में कुछ लोगों से सोनिया गांधी ने भविष्य की बातों को ऊपर वाले पर छोडऩे की बात कही थी।
डैमेज कंट्रोल भी शुरू
रायबरेली में एमएलसी दिनेश सिंह के परिवार के भाजपा में शामिल होने की जानकारी पर कांग्रेस खेमे में डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया। मात्र चौबीस घंटे के भीतर पूर्व मंत्री डॉ. मनोज पांडेय से सोनिया गांधी की तीन बार मुलाकात हुई। मंगलवार की रात में पांडेय भुएमऊ गेस्ट हाउस गए। इसके बाद बुधवार को हुई अनुश्रवण समिति की बैठक में भी मनोज सांसद से कई बार बोले बतलाए। इसके कुछ ही देर बाद मनोज पांडेय के घर सोनिया गांधी गईं जहां पर मंत्रोच्चार के बीच उन्हें रक्षासूत्र बांधा गया। राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को डैमेज कंट्रोल का हिस्सा बता रहे हैं क्योंकि मनोज पांडेय के घर पर गृहप्रवेश की दावत 22 अप्रैल को है। चार दिन पहले सांसद का जाना कुछ तो इशारा कर ही रहा है। उधर, बचत भवन की बैठक में सलोन और बछरावां के भाजपा विधायकों का सोनिया के प्रति बेहद सम्मानीय भाव भी आश्चर्यजनक था। इस बात को लेकर भी खुसुर पुसुर रही। अंदरखाने के सूत्रों का कहना है कि यह सब एक रणनीति का हिस्सा है।