सेटेलाइट से मिली पेट्रोलियम पदार्थ की संभावना, जांच शुरू
रसिक द्विवेदी/विकास बाजपेयी, डलमऊ (रायबरेली) : जिले में भी छिपा है प्राकृतिक खजाना! सेटेलाइट
By Edited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 06:17 PM (IST)Updated: Fri, 07 Dec 2018 06:18 PM (IST)
रसिक द्विवेदी/विकास बाजपेयी, डलमऊ (रायबरेली) : जिले में भी छिपा है प्राकृतिक खजाना! सेटेलाइट के माध्यम से यह संभावना जताई गई है। निशानदेही पर पेट्रोलियम पदार्थ का भंडार खोजने शुक्रवार को ओएनजीसी की टीम ने भीरा गोविंदपुर गाव पहुंची। यहां पड़ताल के लिए कई खेतों में बोरिंग की। डलमऊ विकास खंड क्षेत्र के भीरा गोविंदपुर के पास डीजल व पेट्रोल के मिलने की संभावना की पड़ताल ओएनजीसी की ओर से शुरू हुई। पहले कर्मचारियों ने टू डी सर्वे (भूमि की एक्सरे जांच) की। खेतों में अचानक यह सब देख किसानों में खलबली मच गई। ग्रामीणों ने विरोध भी जताया। सूचना डलमऊ उपजिलाधिकारी जीतलाल सैनी को दी। जांच के दायरे में 25 किमी. अंतर्गत 24 गांव डलमऊ तहसील क्षेत्र के दो दर्जन गावों सहित लगभग पच्चीस किमी. लम्बे क्षेत्र में डीजल व पेट्रोल है या नहीं? इसकी जाच हो रही है। ऐसे होगी जाच भूमि के नीचे ज्वलनशील पदार्थ है या नहीं इसकी जाच के लिए चयनित स्थान पर एक सीध में 13 बोरिंग कर एक साथ सभी में जमीन के नीचे सी क्लास का बम फोड़ा जाएगा। इस विस्फोट के बाद बोर के माध्यम से निकली एनर्जी से यह पता चलेगा कि भूगर्भ में किस क्वालिटी का ज्वलनशील पदार्थ है। यदि जांच में तेल मिलने की पुष्टि हुई तो एक बार फिर मशीनों से जाच की जाएगी। 38 वर्ष पहले भी हुई थी जांच गांव के निवासी औसान (68), गंगा बक्स (65) व अजय पाडेय (50), ने बताया कि वर्ष 1978-79 में भी उक्त स्थान पर मशीनों के द्वारा जाच कराई गई थी। परिणाम क्या रहा, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी। प्रथम दृष्टया ज्वलनशील पदार्थ होने की पुष्टि हुई : ओएनजीसी अफसर ओएनजीसी के फील्ड हेड चीफ संतोष मौर्य ने बताया कि सेटेलाइट के द्वारा जगह की पहचान हुई है। प्रथम दृष्टया ज्वलनशील पदार्थ होने की पुष्टि हुई है। यदि यहां जांच के बाद पेट्रोल या डीजल मिला तो पूरे क्षेत्र का अधिगृहण किया जाएगा।
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