जश्न का फरमान आया, गाइड लाइन का इंतजार
रायबरेली : सौभाग्य योजना ने जिले के 46 मजरों की तस्वीर बदल दी। पहले शाम होते ही गांव अंधेर
रायबरेली : सौभाग्य योजना ने जिले के 46 मजरों की तस्वीर बदल दी। पहले शाम होते ही गांव अंधेरे में गुम हो जाते थे। इस योजना की ही देन है कि रात में गांव जगमगाते हैं। अब शासन से एक फरमान आया है। बिजली से रोशन गांवों में उत्सव मनाना है। तारीख तय हो चुकी है। मगर, कैसे, इसकी कोई गाइड लाइन नहीं आई। इस आदेश ने अफसरों असमंजस में डाल दिया है।
जिले में बिजली विभाग के अफसरों को चक्कर में डालने वाला यह आदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष की तरफ से 15 फरवरी को जारी किया गया। प्रदेश सरकार चाहती है कि विद्युतीकृत किए गए गांवों में उत्सव मनाया जाए। मगर, इस आदेश के बाद अफसर सिर पकड़ कर बैठ गए हैं। वह इसलिए क्योंकि आयोजन का कोई प्रारूप नहीं मिला।
असमंजस में डालने वाले सवाल
पूर्ण रूप से विद्युतीकृत गांवों में उत्सव मनाना है या सभी गांवों में। क्योंकि योजना से कुछ न कुछ काम सभी गांवों में हुआ। आयोजन किस तरह से होगा। साधारण होगा या किसी मेले के सरीखा भव्य। किसे-किसे इसमें बुलाना है। ऐसे तमाम सवाल हैं, जो विभाग के अफसरों के दिमाग में कौंध रहे हैं।
कोट
सौभाग्य योजना के तहत विद्युतीकृत हुए गांवों में उत्सव मनाया जाना है। इसके आदेश की जानकारी है, मगर उत्सव कैसा होगा, इसका कोई प्रारूप नहीं मिला है।
-पंकज श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल प्रथम