इस रास्ते से कैसे आएगा गांव में विकास
परशदेपुर : इस रास्ते गांव में विकास कैसे आ सकता है, जब लोग ही सही सलामत अपने घरों को
परशदेपुर : इस रास्ते गांव में विकास कैसे आ सकता है, जब लोग ही सही सलामत अपने घरों को नही पहुंच पा रहे है। परशदेपुर-जायस मार्ग से त्रिलोकपुर होते हुए घाटमपुर, बीरगंज, नरायणपुर को जोड़ते हुए तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने कई दशक पहले श्रमदान से शुरु कराया। उसके बाद उस पर डामर पड़ा। पर वह केमिकलयुक्त काला डामर ज्यादा दिन तक नहीं टिक सका। सड़क बनने के बाद किसी ने उसकी मरम्मत की जहमत नही उठाई जिससे पूरी की पूरी सड़क खराब हो गई।
यह तो बानगी भर है। क्षेत्र के अधिकांश सड़को की हालत खस्ता है। कुढ़ा गांव को छतोह मार्ग से जोड़ने वाली लगभग तीन किलोमीटर सड़क पूरी पूरी की बह गयी है, तो डीघा से लहेंगा सम्पर्क मार्ग ऐसा हो चला है कि लोगो को उस पर चलने में डर लगता है। छतोह-गांधीनगर मार्ग से बेवल, नोनार व भेलिया को जाने वाली सड़के पूरी तरह खराब हो गई है। ग्रामीण राजकुमार ¨सह, विवेक तिवारी, राधेरमण वैश्य, श्रीराम व श्य ने कहा कि जब चुनाव आता है, तो सांसद व विधायक इन खराब मार्गो को बनवाने का आश्वासन देते है। चुनाव के बाद सब भूल जाते है।
माननीय के गांव का रास्ता भी बदहाल
हद तो तब हो गई, जब वर्तमान भाजपा विधायक के गांव के लोग ही रास्ते को लेकर परेशान हो। वर्तमान में इस क्षेत्र के मुखिया भाजपा विधायक दलबहादुर कोरी है। परशदेपुर से ज्ञानभारती होते हुए उनके गांव पदमनपुर बिजौल जाने वाला मार्ग पूरी तरह खराब हो गया है। 15 साल पहले इस कच्चे मार्ग मे कंकरीट डलवाई गयी थी। पर आज तक डामर नहीं पड़ा। बारिश के दिनों में इन खराब सड़कों पर चलना जान जोखिम में डालने के बराबर है।
क्षेत्र की बदहाल सड़को पर एक नजर
केस एक : परशदेपुर -- नसीराबाद से त्रिलोकपुर जाने वाला सम्पर्क मार्ग लगभग तीन किलोमीटर।
केस दो: रोखा से बिरनावां सम्पर्क मार्ग लगभग चार किलोमीटर।
केस तीन: छतोह--गांधीनगर मार्ग से बेवल लगभग दो किलोमीटर
केस चार: छतोह-गांधीनगर मार्ग नोनान ढाई किलोमीटर
केस पांच: छतोह गांधीनगर मार्ग से भेलिया लगभग दो किलोमीटर।
केस छह: छतोह ब्लाक मे पूरे राई से रजियापुर दो किलोमीटर।