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इंतजाम हुए धड़ाम, भीगा सैकड़ों क्विंटल धान

धान क्रय केंद्रों में बरसात से धान को बचाने के सारे इंतजाम धरे रह गए। सभी केंद

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 11:37 PM (IST)
इंतजाम हुए धड़ाम, भीगा सैकड़ों क्विंटल धान
इंतजाम हुए धड़ाम, भीगा सैकड़ों क्विंटल धान

रायबरेली : धान क्रय केंद्रों में बरसात से धान को बचाने के सारे इंतजाम धरे रह गए। सभी केंद्र प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि धान को बरसात से बचाने के लिए तिरपाल आदि की पूरी व्यवस्था रखें। उसके बाद भी केंद्रों पर अन्नदाताओं का सैकड़ों क्विंटल धान तरबतर हो गया। शहर में भी गल्ला मंडी स्थित क्रय केंद्र पर धान टिन सेड के नीचे रखा था। फिर भी किनारे के बोरे पूरी तरह से भीग गए। आक्रोशित हुए किसान

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परशदेपुर : डीह ब्लॉक के साधन सहकारी समिति पदमनपुर बिजौली को दूसरी बार धान क्रय केंद्र बनाया गया है। करीब 15 दिन पहले अटावां गांव के किसान तेजबहादुर सिंह, जय सिंह, संतोष सिंह आदि किसानों के धान की तौल हुई। उसके बाद उसी गांव के रजवंत सिंह, जसवंत सिंह, जयकरन सिंह, वीरेंद्र आदि किसानों ने लगभग 500 क्विंटल धान क्रय केंद्र पर ले गए। केंद्र प्रभारी रामबहादुर पाल ने तौल यह कहकर बंद करवा दी कि खाली बोरी आएंगे तब तौल होगी। अटावां के प्रधान दिलीप सिंह आदि ने सलोन एसडीएम आशीष कुमार सिंह से शिकायत की। जिसके बाद बोरे भी पहुंच गए। लेकिन खाता न खुला होने की बात कहकर सचिव ने तौल नहीं कराई। गुरुवार की रात बरसात में पूरा धान भीग गया। बोरियां पानी में डूबी हैं। आक्रोशित किसानों ने डीएम से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं केंद्र प्रभारी रामबहादुर पाल का फोन बंद होने से बात नहीं हो सकी। खुले में लगे थे बोरे

हरचंदपुर : कस्बे के धान क्रय केंद्र में धान खुले आसमान के नीचे लगा रहा। धान के बोरों के ऊपर तिरपाल तो डाली गई थी। लेकिन उसके बाद भी बोरे भीग गए। किसानों का कहना था कि सुबह धान को ढका गया। दोपहर के बाद भीगे धान को ट्रक से भिजवाया गया। पूरे भीगे धान के सड़ने का अनुमान

पदमन बिजौली समेत कई केंद्रों पर तौल या बिना तौल के धान की बोरियां लबालब भरे पानी डूबी रही। पानी निकलने की सुविधा न होने से कई दिनों ऐसे ही पड़े रहने के कयास लगाए जा रहे हैं। बिना तौल का केंद्रों पर पड़ा धान जिन किसानों का पूरा भीग गया। उसके सड़ने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। वहीं हल्के भीगे धान के भी काला पड़ने के आसार हैं। खाने में स्वाद और पोषकतत्व भी प्रभावित होते हैं। यदि कई दिनों तक धूप नहीं निकली तो समस्याएं बढ़ जाएंगी। इनकी सुनें

सभी केंद्र प्रभारियों को धान को बरसात से बचाने के लिए तिरपाल आदि से ढकने के निर्देश दिए गए थे। बरसात में कहीं कहीं बोरे भीगे हैं। इससे खरीद पर कोई असर नहीं पड़ेगा। किसान परेशान न हो। सभी किसानों का धान सूखने पर तौल कराई जाएगी।

सौरभ यादव, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी


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