तीखी मिर्च ला रही मीठी मुस्कान
रायबरेली जिले की मिर्च न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा रही है बल्कि किसानों में बढ़ती आर्थि
रायबरेली : जिले की मिर्च न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ा रही है बल्कि किसानों में बढ़ती आर्थिक समृद्धि उनके चेहरे पर मीठी मुस्कान भी ला रही है। यहां की लाल मिर्च का स्वाद कई शहरों तक पहुंच रहा है।
उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल वातावरण के कारण किसान अन्य फसलों से ज्यादा मिर्च की पैदावार करते हैं। खीरों ब्लाक के भीतरगांव, बछरावां ब्लॉक क्षेत्र में इसकी पैदावार होती है जबकि सतांव ब्लॉक क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाल मिर्च की पैदावार होती है। यहां ताला, सतांव, नंदाखेड़ा क्षेत्र किसानों को बाजार उपलब्ध कराता है। यहां से व्यापारी मिर्च को गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बहराइच, फैजाबाद, बरेली, कानुपर, लखनऊ समेत प्रदेश के कई शहरों में पहुंचाते हैं।
इन प्रजातियों की होती पैदावार
किसान भाग्य लक्ष्मी प्रजाति की मिर्च की पैदावार भरोसे के साथ करते हैं। जिसे प्रदेश में डी-4 के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा अन्य कंपनियों के भी हाईब्रिड संकर किस्म की प्रजाति हैं। इसकी पैदावार भी किसान करते हैं।
इन कारणों से बनी पसंद
किसान मिर्च को ज्यादा आमदनी का साधन मानता है। कम समय में अधिक उपज, रोग और कीट का नियंत्रण सरल होने, कम मजदूरी में तोड़ाई के कारण किसान इसे प्राथमिकता देता है।
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कोट
मिर्च की पैदावार में एक बीघे में करीब 30 से 40 हजार रुपये की लागत आती है। इसकी पैदावार पांच टन के करीब होती और एक से डेढ़ लाख रुपये तक की बिक्री होती है।
-डॉ. शैलेंद्र विक्रम सिंह (उद्यान वैज्ञानिक)
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- कम लागत में बेहतर मुनाफा होने पर किसान इसकी पैदावार करते हैं। ज्यादा मात्रा में पैदावार भी होती है। यह हर दृष्टिकोण से फायदेमंद है।
- आरके कनौजिया (कृषि वैज्ञानिक)