पूजा पंडालों में मइया के जयकारे, पूर्व सैनिकों का सम्मान
रायबरेली शारदीय नवरात्र पर देवी पंडालों में जागरण तो कहीं पर
रायबरेली : शारदीय नवरात्र पर देवी पंडालों में जागरण तो कहीं पर जवाबी कीर्तन का आयोजन हुआ। वहीं गोराबाजार स्थित मां अंबिका देवी मंदिर में देवी जागरण के दौरान पूर्व सैनिकों का सम्मान किया गया।
इससे पहले लोग देवी गीतों पर देर रात तक झूमते रहे। सभासद संजय सिंह, अजय सिंह ने पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। गजोधरपुर में राखी आजाद उरई, सचदेवा शरारती कानपुर के बीच जवाबी कीर्तन हुआ। बरगद चौराहा में अभय श्रीवास्तव की अगुवाई में कन्या भोज कराया। शिवगढ़ के मां सिद्धिदात्री शक्ति पीठ अहलादगढ़ मंदिर में शंभू हलचल और रोशनी अनजान लखनऊ के मध्य जवाबी कीर्तन हुआ। मुख्य अतिथि बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा बेड़ारू के शाखा प्रबंधक असेंद्र पटेल मां सरस्वती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। वहीं आचार्य पंडित बृजेंद्र शुक्ला, विनोद दास द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ आरती पूजन कराया। रोशनी अनजान ने कहा कि पतझड़ और बहार में मिलती, स्वर के हर एक ताल में मिलती, स्वर में रमती मां वरदायिनी हो. को लोगों ने सराहा। कानपुर के शंभू हलचल ने गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुशील वैश्य, राधिका प्रसाद वैश्य, राजेश पांडे, दिनेश शुक्ला, रामविलास शुक्ला, चंद्रोदय सिंह, हरकेश सिंह, संतबक्श सिंह, जितेंद्र बहादुर सिंह, लल्लन सिंह आदि मौजूद रहे।
मां दुर्गा पूजा समिति रसूलपुर में फतेहपुर के विमल सिंह नादान और हमीरपुर की विद्या विश्वकर्मा में जवाबी कीर्तन हुआ। मुख्य अतिथि दादा मनोज द्विवेदी ने कलाकारों को सम्मानित किया। विमल सिंह नादान ने मां सरस्वती की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की। हमीरपुर की विद्या विश्वकर्मा ने अपनी शक्ति से मां ब्रह्मांड रचा देती है, सृष्टि करके सारा संसार सजा देती है गीत प्रस्तुत किया। रत्ना पांडेय, छुन्ना तिवारी, संतोष, छंगू नेता, राकेश, राजोले शुक्ला, अरुण त्रिवेदी, पंकज, शुभम शर्मा, रोहित शर्मा, उमेश तिवारी, रामू दीक्षित, अनुज शुक्ला, महेश तिवारी आदि मौजूद रहे। कन्या भोज के मूर्ति विसर्जन
संसू, ऊंचाहार : क्षेत्र के जमुना पुर चौराहा, कोटिया चित्रा, खरौली, कंदरावा, कस्बा के बिजली घर, अरखा, उमरन, बाबा का पुरवा आदि स्थानों पर लोगों ने विधिविधान से पूजन अर्चन किया। कन्या भोज के बाद मूर्ति विसर्जन की तैयारी में लग गए। कोतवाली स्थित काली मां के मंदिर में महिलाओं ने दुरदुरिया का आयोजन किया। मां काली को भोग लगाकर लाई, गुड़ आदि का वितरण किया।