जनता एक्सप्रेस हादसे की यादें हो गई ताजा
रायबरेली : चीख-पुकार वैसी ही। मंजर भी करीब साढ़े तीन साल पुराना जैसा। इस बार सिर्फ दिशा
रायबरेली : चीख-पुकार वैसी ही। मंजर भी करीब साढ़े तीन साल पुराना जैसा। इस बार सिर्फ दिशा बदली, तब बछरावां में रायबरेली स्टेशन की ओर जनता एक्सप्रेस आ रही थी। इस बार रायबरेली से दिल्ली की ओर जा रही न्यू फरक्का एक्सप्रेस। दोनों ही ट्रेनें डिरेल हुई थीं। बुधवार की घटना से एक बार फिर बछरावां हादसे की यादें ताजा हो गई।
जिले में दूसरी बार रेल हादसा हुआ है। बुधवार सुबह लोगों की नींद भी नहीं टूटी थी कि हरचंदपुर रेलवे स्टेशन में न्यू फरक्का एक्सप्रेस की नौ बोगियां पटरी से उतर गईं। इसमें पांच की मौत हो गई। इस घटना ने करीब साढ़े तीन साल पहले हुए जनता एक्सप्रेस हादसे की यादों को ताजा कर दिया है। मंजर भी कमोबेश वैसा ही था। गनीमत रही कि बोगियों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा, नहीं तो मरने वालों की संख्या बढ़ सकती थी। इसी स्टेशन के करीब 16 किमी की दूरी पर स्थित बछरावां रेलवे स्टेशन पर 20 मार्च 2015 को इसी तरह हादसा हुआ था। बुधवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे इसी तरह बछरावां स्टेशन पर जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी। हादसा इतना भयावह था कि रेलगाड़ी का इंजन और दो डिब्बे पटरी से उतरने के बाद पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। ये दोनों डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़ भी गए थे। इस हादसे से पूरा जिला दहल उठा था। हरचंदपुर की घटना ने एक बार फिर से कुरेद दिया। दोनों घटनाओं की भयावहता में कोई खास फर्क नहीं था। अंतर था तो सिर्फ इतना कि तब मरने वालों की संख्या 32 थी, जबकि इस बार पांच है। जिला अस्पताल को भी आई जनता एक्सप्रेस की याद
वर्ष 2015 के बाद एक बार फिर जिला अस्पताल में स्थिति वैसी ही थी, जैसी जनता एक्सप्रेस हादसे के दौरान देखी गई। इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर की लगी कतारें और अंदर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का भारी अमला। फर्राटा भरकर आतीं एंबुलेंस। मरीजों को लेकर वार्डो की तरफ भागते समाजसेवी, स्वास्थ्यकर्मी और अंदर लगी भीड़। मुख्यद्वार पर एंबुलेंस के लिए रास्ता साफ कराते पुलिसकर्मी और इमरजेंसी में भीड़ को रोकते अफसर। इस नजारे ने अस्पताल को जनता एक्सप्रेस हादसे की याद दिला दी।