तेवर विहीन सपा, कार्यकर्ता खफा
पांच विधायक और एक एमएलसी जेल से लेकर गेस्ट हाउस तक पहुंचे। वहां भी भीड़ यहां भी हुजूम। मगर आक्रोश अपनों के प्रति। यही नजारा था शुक्रवार को सपाइयों के उस अंदाज का जिसमें उनके एक पूर्व जिलाध्यक्ष से जेल में मिलने बड़े नेता आए और उन पर भड़ास भी निकाली गई। कार्यकर्ताओं का कहना था कि संघर्षों वाला तेवर कहां गया? पूर्व जिलाध्यक्ष सहित 16 लोग जेल भेजे गए और उनके आर्थिक श्रोत पर भी चोट हुई। मगर संगठन एक आंदोलन तक खड़ा नहीं कर सका। मजबूरन राष्ट्रीय नेतृत्व को दो-दो बार प्रतिनिधि मंडल यहां भेजना पड़ा।
रायबरेली : पांच विधायक और एक एमएलसी जेल से लेकर गेस्ट हाउस तक पहुंचे। वहां भी भीड़, यहां भी हुजूम। मगर, आक्रोश अपनों के प्रति। यही नजारा था शुक्रवार को सपाइयों के उस अंदाज का जिसमें उनके एक पूर्व जिलाध्यक्ष से जेल में मिलने बड़े नेता आए और उन पर भड़ास भी निकाली गई। कार्यकर्ताओं का कहना था कि संघर्षों वाला तेवर कहां गया? पूर्व जिलाध्यक्ष सहित 16 लोग जेल भेजे गए और उनके आर्थिक श्रोत पर भी चोट हुई। मगर, संगठन एक आंदोलन तक खड़ा नहीं कर सका। मजबूरन राष्ट्रीय नेतृत्व को दो-दो बार प्रतिनिधि मंडल यहां भेजना पड़ा। हालांकि बड़े नेताओं ने भाजपा पर हमला बोला। लेकिन, यह भी स्वीकार किया कि कुछ न कुछ कमजोरी यहां जरूर रही। इसी नाते राष्ट्रीय नेतृत्व को सीधे दखल देना पड़ा।
हुआ कुछ यूं कि मीडिया से रूबरू होने के बाद प्रतिनिधि मंडल के नेता कमरे से निकल कर अपने-अपने वाहन की तरफ बढ़े। बाहर तमाम युवा कार्यकर्ता सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष आरपी यादव के तस्वीर वाली तख्तियां लिए खड़े थे। एमएलसी सुनील सिंह साजन जैसे ही कार के पास पहुंचे, उन्हें सभी ने घेर लिया। एमएलसी ने कहा कि यहां नहीं चलो अंदर बैठकर बात करते हैं। लेकिन, कार्यकर्ता इसके लिए राजी नहीं हुए। साफ कहा कि बात अंदर नहीं, बल्कि यहीं सबके सामने होगी।
अब आ सकते हैं अखिलेश
एमएलसी सुनील सिंह साजन ने किसी तरह युवाओं को शांत कराया। भरोसा दिया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पूरा मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में है। हो सकता है कि जल्द वह खुद रायबरेली आए।