पांच दशक से बल्ली पुल के सहारे दस हजार की आबादी
राही (रायबरेली) : विकास की असल तस्वीर देखनी हो तो रामपुर बघेल गांव आइए। यहां महराजगंज
राही (रायबरेली) : विकास की असल तस्वीर देखनी हो तो रामपुर बघेल गांव आइए। यहां महराजगंज ड्रेन पर लगभग 40 मीटर लंबा पुल बना है। पांच दशक पहले यह पुल बना। स्थानीय लोगों ने ही मिलकर इसे बनाया। वही इसकी समय-समय पर मरम्मत भी करते हैं। सामान्य आवागमन के लिए यही एक मात्र सहारा है। इस पुल पर लगभग दस आबादी निर्भर है। चार पहिया या बड़े वाहन से रामपुर बघेल या इसके सन्निकट बसे 20 गांवों तक पहुंचना है तो लंबा चक्कर काटना पड़ता है। ड्रेन पर पक्का पुल बन जाए, इसके लिए जन प्रतिनिधियों संग प्रशासनिक अमले से कई बार गुहार लगाई गई, मगर नतीजा सिफर रहा।
शिक्षा के लिए ड्रेन पार करना जरूरी
क्षेत्र के रामपुर बघेल गांव में महराजगंज ड्रेन पर यह पुल बना है। पुल के एक तरफ डिघिया गांव हैं, जहां इंटर कॉलेज है। डिघिया से कुछ दूरी पर फुर्सतगंज है, जहां ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की व्यवस्था है। रामपुर बघेल के साथ ही दोहरी, राघनपुर, बनपुरवा, पूरे भंजन, पूरे टोढ़ी, प्रेमराजपुर, रूपामई, पोरई सहित 20 गांवों के छात्र-छात्राएं इसी पुल के सहारे शिक्षा प्राप्त करने के लिए इन कालेजों में जाते हैं। इनकी संख्या लगभग पांच सौ के करीब होगी।
किसान, व्यापारी सब प्रभावित
इन गांवों में बसे किसानों को अपनी फसल का अच्छा मूल्य प्राप्त करने के लिए फुर्सतगंज, डिघिया, जायस बाजार जाना पड़ता है। इस पुल का इस्तेमाल अन्नदाता न करें तो किसानों को लगभग आठ किमी चक्कर लगाना पड़ता है।
कोट
महराजगंज ड्रेन पर पक्के पुल के निर्माण के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी ने बताया है कि ड्रेन पर दस किमी रेंज में दूसरा पुल नहीं बन सकता। यह रू¨लग है। इस वजह से उक्त कार्यदायी संस्था से ये काम नहीं करा सकते। इसके लिए कोई दूसरा उपाय खोजा जा रहा है।
-अदिति ¨सह, विधायक सदर