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नम आंखों से जांबाज को अंतिम विदाई

रायबरेली : जम्मू के अखनूर सेक्टर में शहीद हुए सैनिक अजय पाल ¨सह का पार्थिव शरीर शनिवार

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Sep 2017 12:01 AM (IST)Updated: Sun, 10 Sep 2017 12:01 AM (IST)
नम आंखों से जांबाज को अंतिम विदाई
नम आंखों से जांबाज को अंतिम विदाई

रायबरेली : जम्मू के अखनूर सेक्टर में शहीद हुए सैनिक अजय पाल ¨सह का पार्थिव शरीर शनिवार की सुबह उनके पैत्रक गांव राही के फत्तेपुर मोहलिया लाया गया। सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए गांव में जनप्रतिनिधियों संग बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। दोपहर बाद गांव के बाहर बाग में पुलिस और सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। फिर शहीद के बड़े भाई ने मुखाग्नि दी।

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सुबह शहीद अजय पाल ¨सह का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने के बाद सीडीओ देवेंद्र पांडेय, एएसपी शशिशेखर ¨सह व अन्य अधिकारी भी फत्तेपुर मोहलिया पहुंचे। परिवारीजनों ने मांग किया कि शहीद की अंतिम विदाई में मुख्यमंत्री शामिल हों या फिर प्रभारी मंत्री। साथ ही परिवार के एक शख्स को सरकारी नौकरी, शहीद पार्क, शहीद प्रवेश द्वार व दो बीघे जमीन दी जाए। अन्य मांगों पर तो सहमति बन गई लेकिन सीएम का कोई कार्यक्रम न होने के चलते प्रशासनिक अधिकारी भी असहज हो गए। इस पर गांव के युवा पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए लखनऊ-इलाहाबाद हाईवे पर पहुंच गए और जाम लगा दिया। बाद में प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी का कार्यक्रम तय हुआ। अपरान्ह लगभग 1.30 बजे प्रभारी मंत्री फत्तेपुर मोहलिया गांव की सीमा पर पहुंचे। लेकिन इसके पहले ही प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधियों ने शहीद के परिवारीजनों को मना लिया और शहीद का शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए निकल पड़े।

हाईवे पर अंतिम यात्रा पहुंचते ही प्रभारी मंत्री भी वहां पहुंच यात्रा में शामिल हो गए। अपरान्ह 2.30 बजे

शहीद का पार्थिव शरीर चिता पर रखा गया। प्रभारी मंत्री, पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीना, सीडीओ, एएसपी, सेना के अधिकारी व जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। बड़े भाई सरदार ¨सह ने शहीद को मुखाग्नि दी। इस दौरान एमएलसी दिनेश प्रताप ¨सह, सरेनी विधायक धीरेंद्र ¨सह, पूर्व सदर विधायक अखिलेश ¨सह समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

सदमे में बेहोश हुई मां

जांबाज की मां शारदा अपने कलेजे के टुकड़े का पार्थिव शरीर देख बेहोश हो गई। जब उन्हें होश आया तो वह अपने सबसे छोटे बेटे को गले से लगाकर रो पड़ीं। बोलीं, बेटा तू हमें ऐसे छोड़कर नहीं जा सकता।

हमारा बेटा शहीद हुआ है.. रो पड़े पिता

किसान राम ¨सह सुबह घर के बाहर चारपाई पर बैठे थे कि तभी सूचना आयी कि अजय का पार्थिव शरीर गांव पहुंच गया है। घर के पास सेना के जवानों ने जैसे ही ताबूत नीचे उतारा, राम ¨सह भावुक हो गए। फिर भी उन्होंने देशप्रेम का जज्बा दिखाया। रूंधे गले से एक ही आवाज निकली, देश के लिए शहीद हुआ है हमारा बेटा, फक्र है हमें और फिर वह भी फफक-फफक कर रो पड़े। अजय के भाई सरदार, कप्तान और विपिन भी भाई को खोने के गम में रोये जा रहे थे।


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