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आत्मशुद्धि की साधना उत्तम त्याग धर्म

रायबरेली : जैनसमाज के संयम और आत्मशुद्धि के महापर्व पर्युषण पर उत्तम त्याग धर्म की उपासना हु

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 12:35 AM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 12:35 AM (IST)
आत्मशुद्धि की साधना उत्तम त्याग धर्म
आत्मशुद्धि की साधना उत्तम त्याग धर्म

रायबरेली : जैनसमाज के संयम और आत्मशुद्धि के महापर्व पर्युषण पर उत्तम त्याग धर्म की उपासना हुई। सुबह भगवान का मस्ताभिषेक, शांतिधारा, पूजा, आरती में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। साथ ही बताया कि आत्मशुद्धि की साधना उत्तम त्याग धर्म से संभव है।

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सिविल लाइन स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में जैनियों के इस पर्यूषण पर्व में आत्मशुद्धि की साधना की जाती है। 13 सितंबर से शुरू हुए इस महापर्व पर जैन श्रद्धालु कोई हरी सब्जी, कोई एक बार, कोई रात में पानी पीने का त्याग करता है। कोई निर्जला व्रत रखता है। जैन धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को त्याग धर्म पर आरके जैन ने कहा कि लोभ का त्याग करना उत्तम त्याग धर्म है। उसके बाद हमें शरीर में ताजगी का अहसास होता है। जीवन का आनंद उठाने के लिए त्याग जरूरी है।

इससे पहले शांतिधारा का सौभाग्य विजयंत जैन को प्राप्त हुआ। जैन समाज के मीडिया प्रभारी अंकित जैन ने बताया कि पर्व के दसवें दिन रविवार को अंनत चौदस पर विश्व शांति के लिए विशेष पूजा और निर्वाण लड्डू भगवान को चढ़ाया जाएगा। इस मौके पर नितिन जैन, रमेश जैन, शैलेंद्र जैन, अजय जैन, अनिल जैन, अशोक जैन, सुधीर, वैभव, नितिन, सनी, राकेश, अरिहंत, वैभव आदि मौजूद रहे।


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