सड़क की फुटपाथ को बना दिया पार्किंग
पहले से ही अतिक्रमण का दंश झेल रही रोड पर ही वाहन खड़े करके देखी जाती फिटनेस
रायबरेली : शनिवार की दोपहर में करीब 12.45 बजे थे। महराजगंज रोड के किनारे स्थित एआरटीओ ऑफिस के बाहर सड़क के दोनों ओर पहले से ही बाइक व चार पहिया वाहनों का कब्जा था। तभी फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आए डंपर व ट्रक चालकों ने भी अपने वाहन वहां पर लगा दिए। इससे समस्या और बढ़ गई, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं था।
कार्यालय के अंदर पहुंचे तो सबसे पहले एआरटीओ प्रवर्तन मनोज कुमार सिंह और उसके बगल में एआरटीओ प्रशासन आरके सरोज का कमरा मिला। सामने उस कक्ष का मुख्य गेट था, जिसमें पंजीकरण से लेकर लाइसेंस तक के काउंटर बने हैं। एक समय ऐसा था जब यह गेट सिर्फ कर्मचारियों के लिए खुलता था, लेकिन अब दलालों के लिए भी कोई रोकटोक नहीं थी। एआरटीओ प्रवर्तन तो थे नहीं, लेकिन प्रशासन आरके सरोज अपने कमरे में बैठे दिखे। फिटनेस सर्टिफिकेट की व्यवस्था के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सब कुछ पारदर्शी तरीके से हो रहा है। बिना वाहन आए और उसके दुरुस्त हुए प्रमाण पत्र मिल ही नहीं सकता। शासन ने व्यवस्था जो ऐसी कर रखी है। यह भी बताया कि लॉकडाउन के कारण आज फिटनेस के लिए किसी भी वाहन मालिक को डेट नहीं दी गई है। इक्का-दुक्का वे वाहन आए हैं, जिन्हें किसी न किसी कारण पहले लौटाया गया था।
बिना जेब ढीली किए नहीं होता काम
एआरटीओ कार्यालय से ही जुड़े एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब तक वाहन मालिक अपनी जेब न ढीली कर दे, तब तक फिटनेस सर्टिफिकेट जारी ही नहीं होता। निजी वाहनों में कम व्यवसायिक वाहन मालिकों के साथ ऐसा अधिक होता है। कागज और वाहन चाहे जितने दुरुस्त हों। 500 से 800 रुपये तो एक व्यवसायिक वाहन से ले ही लिए जाते हैं।
जगह बदलने के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
एआरटीओ प्रशासन ने कहा कि किसी तरह का कोई सुविधा शुल्क नहीं लिया जाता। अगर कोई कर्मचारी किसी वाहन मालिक से इसकी मांग करता है तो इसकी शिकायत करें। कार्रवाई होगी। कहा कि फिटनेस की जांच के लिए गोरा बाजार मैदान की मांग की है।