अपने-अपनों की खातिर.. यातायात नियम बेहद जरूरी
जिले में लॉकडाउन के बाद मृत्युदर में 33 फीसद गिरावट 60 फीसद लोगों ने चुनी सुरक्षा अभी भी शेष 40 प्रतिशत
रायबरेली : सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। एक सप्ताह तक लगातार लोगों को यातायात नियमों के अनुपालन की सीख दी जाएगी। प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। मगर, जनपदवासी इसे कितना आत्मसात करते हैं, ये तो वक्त बताएगा। बावजूद इसके, नए मोटर व्हिकल एक्ट के लागू होने के बाद काफी हद तक सुधार दिख रहा है। लॉक डाउन के बाद तो सड़क हादसों में मृत्युदर भी घटकर लगभग 33 फीसद ही रह गई है।
जान है तो जहान है। देश में सड़क हादसों में मृत्युदर का आंकड़ा बहुत ज्यादा है। सिर्फ रायबरेली की बात करें तो लॉक डाउन के पहले रोजाना औसतन तीन लोगों की मौत सड़क पर दुर्घटनाओं में होती थी। जो अब महज एक रह गई है। इसके दो कारण सामने आए हैं। पहला ये कि अभी सड़कों पर आवागमन पहली की तरह नहीं हो रहा है। और दूसरा जो सबसे अहम है, लोग यातायात नियमों का पालन करने लगे हैं। नए मोटर व्हिकल एक्ट में जुर्माने की राशि बढ़ाने के साथ ही सजा के प्राविधान का असर दिख रहा है। यातायात पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि शहर में 60 फीसद लोग हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने लगे हैं। जो 40 फीसद बाकी बचे हैं, बस उन्हें ये सिखाना है कि यातायात नियमों को मानिए और मौत के डर से बचिए।
इन नियमों का पालन जरूरी
- हेलमेट का प्रयोग करें व सीट बेल्ट लगाएं
- उल्टी दिशा में वाहन न चलाएं,
- वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें
- तेज गति से वाहन न चलाएं
- नशे की हालत में वाहन न चलाएं
- निश्चित सवारी ही गाड़ी में बैठाएं
- गलत ढंग से ओवरटेक न करें डीएम और एसपी की अपील
जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना व पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने सड़क सुरक्षा सप्ताह पर जनपद वासियों से अपील की है कि यातायात व सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करें। अपनी और दूसरों की जीवन की रक्षा करें। सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों का स्वयं भी पालन करें और दूसरों को भी इसका पालन कराना सुनिश्चत करें। सड़क सुरक्षा संबंधी अपनी जिम्मेदारी निभाएं। कोट
यातायात नियमों की जानकारी के लिए एआरटीओ ऑफिस, कलेक्ट्रेट, तहसील समेत कई स्थानों पर होर्डिग लगाई गई हैं। प्रदूषण केंद्रों की जांच की गई है। हादसों में मौत के आंकड़े बहुत ज्यादा हैं। इसलिए सभी को सजग होकर नियमों का पालन करते हुए ही सड़क पर चलना चाहिए। ताकि वे दुर्घटना से बच सकें।
-संजीव जायसवाल, उप संभागीय परिवहन अधिकारी