गंगा दिवस पर स्वच्छता की शपथ, सरकारी तंत्र अंजान
संसू, डलमऊ (रायबरेली) : गंगा के निर्मल प्रवाह को अविरल और निर्मल बनाने के लिए भले ही सरका
संसू, डलमऊ (रायबरेली) : गंगा के निर्मल प्रवाह को अविरल और निर्मल बनाने के लिए भले ही सरकारें लाख दावे कर रही हों, लेकिन गंगा का पानी धरातल पर विषैला बना हुआ है। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन ¨सह ने 4 नवंबर, 2008 को गंगा नदी संरक्षण के लिए एक सशक्त प्ला¨नग और निगरानी प्राधिकरण के रूप में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण स्थापित करने की घोषणा की। लेकिन कंपनियों व टेनरियों से निकलकर गंगा में गिर रहे नालों पर अब तक अंकुश नहीं लग सका। गंगा गंदगी से कराह रही है। राष्ट्रीय नदी घोषित हुए दस साल हो चुके हैं। इस दौरान अरबों रुपये खर्च हुए, लेकिन आज भी हालत में कोई सुधार नहीं है। गंगा दिवस से सरकारी तंत्र रहा अंजान
4 नवंबर 2008 को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया। गंगा स्वच्छता के लिए निगरानी प्राधिकरण की स्थापना भी हुई, लेकिन डलमऊ तहसील के जिम्मेदार अधिकारी गंगा दिवस को लेकर अंजान रहे। डलमऊ एसडीएम जीतलाल सैनी ने बताया कि गंगा दिवस की जानकारी नहीं है। गंगा दिवस को लेकर शासन से निर्देश भी नहीं मिले। गंगा स्वच्छता के लिए ली शपथ
रविवार को डलमऊ के वीआईपी घाट पर बड़ी संख्या में लोगों नें गंगा स्वच्छता की शपथ ली। गंगा विचार मंच अवध प्रांत के सह संयोजक योगेंद्र शुक्ल ने लोगों को शपथ दिलाई। इस अवसर पर वन विभाग के राम प्रसाद शुक्ल, युवा नेता विनीत त्रिवेदी, दीपक कौशल सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।