पानी नहीं, आसमान से बरसा 'अमृत'
रायबरेली : बुधवार की तड़के शुरू हुई बरसात सुबह करीब नौ बजे तक रुक-रुक कर होती रह
रायबरेली : बुधवार की तड़के शुरू हुई बरसात सुबह करीब नौ बजे तक रुक-रुक कर होती रही। जिले के कोने-कोने से बारिश की सूचनाएं आईं। इसके बाद किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। वजह, अच्छी बढ़त के लिए गेहूं की फसल को सर्दी की सख्त जरूरत थी। शीतलहरी चली न बारिश हुई। इससे फसल उस रफ्तार से नहीं बढ़ रही थी जो होनी चाहिए। ¨सचाई में लागत और मेहनत भी बेकार जा रही थी। अब बारिश के बाद मौसम भी सर्द हुआ, जो गेहूं के लिए काफी फायदेमंद है। चना, मटर, सरसो, आलू समेत सभी फसलों को लाभ मिलेगा। इनसेट
कुछ और पड़े सर्दी तो मिले राहत
डलमऊ के बांसी परान निवासी किसान सोनू त्रिवेदी का कहना है कि यह पानी नहीं, बल्कि अमृत गिरा है। इससे फसलों को फायदा होगा। महराजगंज के नारायणपुर निवासी श्यामलाल ने बताया कि जितनी ठंड पड़ेगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही अच्छी होगी। खेरवा के राम नारायण ¨सह का कहना है कि इस बारिश के बाद पैदावार बढ़ने की संभावना है। ऊंचाहार के पूरे तेवराइन निवासी सुखनंदन का कहना है कि यह बारिश सभी फसलों के लिए सोना बरसा है।
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सर्द हवाओं ने कंपकंपाया, छुट्टी की मांग
बुधवार की सुबह बारिश के सर्दी के बाद जाती हुई सर्दी फिर वापस लौट आई। उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समर बहादुर ¨सह, महामंत्री राघवेंद्र यादव ने डीएम को ज्ञापन देकर परिषदीय स्कूलों में शीतावकाश घोषित करने की मांग की है।
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तापमान बढ़ा तो होगी मुश्किल
अभी तक जो मौसम था वह गेहूं की फसल के लिए अनुकूल नहीं था। यह बारिश किसानों को राहत देगी। हर फसल के लिए यह लाभप्रद होगी। मगर, अभी और सर्दी होनी चाहिए। क्योंकि यदि तापमान बढ़ा तो गेहूं की फसल पर विपरीत असर पड़ेगा।
डॉ.अवनींद्र कुमार तिवारी
कृषि विज्ञानी