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एक लाख की आबादी पर सिर्फ दो चिकित्सक, दोनों गायब

रायबरेली रोहनिया सीएचसी 2017 में खुल तो गई लेकिन चिकित्सा सेवाएं अब तक सही ढंग से शुरू नह

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 09:52 PM (IST)
एक लाख की आबादी पर सिर्फ दो चिकित्सक, दोनों गायब
एक लाख की आबादी पर सिर्फ दो चिकित्सक, दोनों गायब

रायबरेली: रोहनिया सीएचसी 2017 में खुल तो गई, लेकिन चिकित्सा सेवाएं अब तक सही ढंग से शुरू नहीं हो सकीं। एक लाख की आबादी पर महज दो चिकित्सक तैनात किए गए हैं, जिनमें एक यदा-कदा ही ड्यूटी पर आते हैं। यहां के कई कर्मचारियों ने ऊंचाहार सीएचसी से खुद को संबद्ध करा रखा है। ऐसे में मरीज आते हैं और मायूस होकर लौट जाते हैं। मंगलवार को जागरण टीम ने सीएचसी की पड़ताल की। पेश है रिपोर्ट..

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दोपहर 12:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की मौजूदगी नहीं थी। पेट दर्द से परेशान रजनी को करीब डेढ़ घंटे इंतजार करना पड़ा। सूचना पर डा. कैलाश चतुर्वेदी अपरान्ह दो बजे आए और महिला का उपचार किया। रायपुर के राजेश और सुरेश तो बिना इलाज कराए ही लौट गए। कहा कि ऊंचाहार चले जाएंगे, यहां कभी डाक्टर मिलते ही नहीं हैं। ओपीडी में 83 मरीज आए, जिन्हें अकेले डा. कैलाश ने देखा। दूसरे आशीष यादव कहीं नजर नहीं आए। स्टाफ के लोगों ने बताया कि वे लखनऊ में रहते हैं और कभी-कभी ही यहां आते हैं। ये हाल रहा ओपीडी का। अत:रोगी विभाग की दशा भी कुछ ठीक नहीं दिखी। सारे प्रसाधन गंदगी से भरे मिले। दुर्गंध वार्डों तक आ रही थी। महिला वार्ड में मरीजों को बेड के चादर तक नहीं दिए गए। महिला चिकित्सक की तैनाती ही नहीं है तो प्रसव संबंधी बात करने का सवाल ही नहीं उठता। मरीजों ने बताया कि एक्सरे मशीन लगी तो है, लेकिन अबतक यहां एक भी जांच नहीं की गई।

पहली बार गूंजी किलकारी

करीब दो माह पहले सीएचसी में डा. राजेश गौतम को अधीक्षक बनाकर भेजा गया। उन्होंने मेहनत की तो व्यवस्था कुछ पटरी पर आई। चार साल बाद पहली बार सीएचसी में डिलीवरी हुई। लगा कि हालात सुधरेंगे, लेकिन इसी बीच उनका स्थानांतरण कर दिया गया। अधीक्षक के रूप में डा. कैलाश चक्रवर्ती को भेजा गया है, जिन्होंने हाल ही में चार्ज लिया है। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि उन्हें पहले पर्याप्त स्टाफ मिले।

वर्जन,

जल्द ही मैंने अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाली है। स्टाफ के लिए सीएमओ कार्यालय पत्र भेजा गया है। चिकित्सा सेवाओं को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।

डा. कैलाश चक्रवर्ती, अधीक्षक


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