भ्रष्टाचार पर नोटिसों का कवच, नहीं कार्रवाई
हर घर शुद्ध पानी पहुंचाने की योजना में धांधली पर नगर पंचायत ने साधा मौन
रायबरेली: भ्रष्टाचार और धांधली को रोकने वाले ही जब मौन हो जाए तो फिर योजनाओं में गुणवत्ता के बारे में सोचना बेईमानी नहीं तो और क्या होगा। कुछ ऐसी ही दशा नगर पंचायत में चल रहे शुद्ध पेयजल योजना का है। दैनिक जागरण ने कार्यदायी संस्था की मनमानी और गुणवत्ता की पोल खोली तो जिम्मेदारों ने नोटिस का कवच पहनाना शुरू कर दिया। दो बार नोटिस दिया गया। माकूल जवाब भी नहीं मिला। इतना ही नहीं योजना की प्रगति में भी कुछ खास परिवर्तन नहीं हुआ। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। दिखावे के तौर पर अब तीसरी नोटिस देने की तैयारी अफसरों ने कर ली है।
डलमऊ नगर पंचायत क्षेत्र में शुद्ध पेयजल हर घर में पहुंचे, इसके लिए 30 हाउस होल्ड वाटर मय आरओ लगाया जाना है। इसकी जिम्मेदारी लाइफ ईको एनर्जी एंड वाटर रिसोर्रिंग मल्टी शिवनगर डंमगरी प्रतापगढ़ फर्म काूे दी गई। फर्म की मनमानी के कारण नियत समय पर कार्य पूरा नहीं हो सका। साथ ही कार्य रोक दिया गया। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया तो जिम्मेदारों की नींद टूटी। खुद पर आंच न आए इसके लिए नोटिस दे दिया।
अधिशाषी अधिकारी आरती श्रीवास्तव ने एक के बाद एक करके दो नोटिसें जारी की। पहली नोटिस का जवाब फर्म की ओर से देते हुए एक सप्ताह का और समय मांगा था। इसके बाद काम नहीं पूरा हुआ तो जागरण ने खबर प्रकाशित किया। फजीहत न हो इसके लिए दूसरी नोटिस भेज दिया गया। इस बार तो फर्म ने जवाब देना तक मुनासिब नहीं समझा। वहीं जिम्मेदार यह कहकर मौन हो गए हैं नोटिसें दी गई हैं। इसके बाद ईओ आगे की कार्रवाई करना भूल गई।
पेयजल संकट बरकरार, सेटिग-गेटिग में फंसी योजना
फर्म की ओर से नगर पंचायत को एक पत्र के माध्यम से बताया गया कि चार वार्डो में तकरीबन 70 प्रतिशत और तीन वार्ड में 95 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। हकीकत कुछ और है। धरातल पर एक भी प्लांट शुद्ध पेयजल देने योग्य नहीं है। जेब भरने में लगे अफसर जनता के हितों से मानों कोई सरोकार ही नहीं है।
वर्जन
कार्य की अवधि बढ़ाने के लिए शासन में फर्म की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं। दूसरी नोटिस का जवाब नहीं आया। जल्द ही तीसरी नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा। यदि फिर लापरवाही की जाती है तो फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-आरती श्रीवास्तव, ईओ