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जो मंगाया वो नहीं आया, सरकारी पोर्टल ने छकाया

दिलीप ¨सह, रायबरेली : सरकारी विभागों में सामान की खरीद-फरोख्त की मनमानी रोकने के लिए ग

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 12:00 AM (IST)
जो मंगाया वो नहीं आया, सरकारी पोर्टल ने छकाया
जो मंगाया वो नहीं आया, सरकारी पोर्टल ने छकाया

दिलीप ¨सह, रायबरेली : सरकारी विभागों में सामान की खरीद-फरोख्त की मनमानी रोकने के लिए गवर्नमेंट ई-मार्केट (जेम) पोर्टल बनाया। विभागों को जरूरत की सामग्री खरीदने के निर्देश दे दिए गए। लेकिन हुआ कुछ और ही। पोर्टल से जुड़े फर्म ने अब छकाना शुरू कर दिया है। हाल ही में नगर पालिका द्वारा मंगाए गए कंटेनर से इसकी पोल खुली। आरोप है कि ई टेंडर में चुने गए फर्म ने निर्धारित मानकों को पूरा कराने के बजाए घटिया कंटेनर भेज दिया। अब वापस लेने से भी मना कर रहे हैं।

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नगर निकायों में स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। ऐसे में नगर में साफ-सफाई दुरुस्त करने के साथ ही जगह-जगह लोहे के कंटेनर रखे जाने हैं। पालिका की ओर से प्रति कंटेनर 7 हजार रुपये निर्धारित करते हुए पोर्टल में टेंडर कराया गया। इसमें तीन फर्म सामने आए। बताते है कि बेहतर क्वालिटी का दावा करने वाली जेएमडी फर्म को 250 कंटेनर का आर्डर दे दिया गया। इसमें एंगल पर एक तरफ हरा और दूसरी तरह नीला कंटेनर लगाया जाना है। वहीं संबंधित फर्म ने दोनों अलग-अलग कंटेनर भेज दिया। वह भी तय मानक 39 किग्रा के बजाए महज 20 किग्रा का। अब पालिका जहां इसका भुगतान करने से मना कर रही है। वहीं संबंधित फर्म के अधिकारी कंटेनर वापस लेने से इंकार कर दिया है। इनसेट

बढ़ी मुश्किलें, ऑनलाइन करना पड़ेगा रिजेक्ट

पालिका अफसरों की मुश्किलें बढ़ गई है। ऑन लाइन खरीद हुई है। ऐसे में रिजेक्ट भी ऑन लाइन भी होगा। सफाई एवं खाद्य निरीक्षक दीपक कुमार ने बताया कि अभी तक संबंधित कंपनी ने खरीद को ऑनलाइन दर्शाया नहीं है। जब तक वह शो नहीं करेगा, तब तक रिजेक्ट नहीं कर सकेंगे। साथ ही सीआरसी भी जनरेट नहीं होगी। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई गई, लेकिन वहां से भी जवाब संतोषजनक नहीं मिला। मना करने पर भी भेज दिए कंटेनर

नगर पालिका से 250-250 कंटेनर हरा और नीला की डिमांड की गई थी। पहली बार ही गुणवत्ता खराब देखी गई, तो आपूर्ति करने से मना कर दिया। इसके बावजूद फर्म ने दूसरे शिफ्ट में भी कंटेनर भेज दिया। अब तक 500 के सापेक्ष 370 कंटेनर और 250 फ्रेम आ चुका है। स्वच्छता का फंसा बजट, नहीं कर पा रहे खर्च

फर्म की ओर से अड़ंगेबाजी के चलते स्वच्छता का बजट फंस गया है। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पूर्णिमा श्रीवास्तव ने बताया कि गुणवत्ता की जांच जेई से कराई गई। मानक के अनुरूप नहीं होने पर भुगतान रोक दिया गया है। अब जब तक यह सामान वापस नहीं जाएगा, दूसरे फर्म से कंटेनर नहीं खरीद सकते हैं। ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है।


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