Move to Jagran APP

कांग्रेस नेता के अनशन तोड़ देने पर खासा नाराज हुए थे 'नेताजी'

किसानों के उत्पीड़न की दास्तान सुन उन्नाव से दौड़े चले आए थे सुभाष चंद्र बोस चार मार्च 1938 को सुदौली में एक सभा को संबोधित कर आजादी के जलाए थे दीप

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 11:37 PM (IST)
कांग्रेस नेता के अनशन तोड़ देने पर खासा नाराज हुए थे 'नेताजी'
कांग्रेस नेता के अनशन तोड़ देने पर खासा नाराज हुए थे 'नेताजी'

रायबरेली : आजाद हिद फौज का गठन करने वाले और स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष चंद्र बोस के पुण्य कदम रायबरेली की धरा पर भी पड़े थे। उनके आने की बात सुनकर लाखों की भीड़ सुदौली में उमड़ पड़ी थी। करीब एक से डेढ़ घंटे उन्होंने इस भीड़ को संबोधित किया था। अंग्रेजों और रियासतों का उत्पीड़न झेल रहे लोगों के दिलों में आजादी के दीप जलाए थे।

loksabha election banner

यह बात करीब 82 साल पहले वर्ष 1938 की है। फीरोज गांधी डिग्री कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राम बहादुर वर्मा बताते हैं कि देश में अंग्रेजों का शासन था। उनके नीचे छोटी-छोटी रियासतों के राजा अपना राज चलाते थे। कहीं-कहीं किसानों और मजदूरों पर जुल्म ढाया जा रहा था। उस वक्त की सुदौली रियासत (अब बछरावां ब्लॉक का गांव) में हालात बद से बदतर थे। रियासत के राजा रामपाल की मौत हो चुकी थी। रानी का राज था, लेकिन अपने कारिदों पर उनकी कोई पकड़ नहीं थी। खूब मनमानी होती थी। कांग्रेस नेता मुंशी चंद्रिका प्रसाद से जब इनका अत्याचार देखा न गया तो वे अनशन पर बैठ गए। उसी दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस उन्नाव के मकूल में एक सभा को संबोधित करने आए थे। इसका आयोजन पं. विशंभर दयाल ने किया था। उन्होंने ही नेताजी को सुदौली में चल रहे आंदोलन के बारे में बताया। किसानों की पीड़ा और मुंशी चंद्रिका प्रसाद के अनशन की बात सुन वह सहयोग देने दौड़े चले आए।

'सुदौली को मैं बरडोली बना देता'

डॉ. राम बहादुर वर्मा बताते हैं कि नेताजी के पहुंचने के पहले ही कांग्रेस के रफी अहमद किदवई ने मुंशी चंद्रिका प्रसाद का अनशन तोड़वा दिया था। नेताजी जब सुदौली पहुंचे तो इस पर बात पर खासा नाराज हुए। उन्होंने कहा कि अगर यह अनशन न टूटता तो इसमें पूरा सहयोग देता और सुदौली को बरडोली बना देता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.