रिश्तों की फिक्र छोड़, फर्ज निभा रही नम्रता
वैश्विक महामारी से हर कोई डरा हुआ है। इसके बावजूद चिकित्सक सफाईकर्मी ल
रायबरेली : वैश्विक महामारी से हर कोई डरा हुआ है। इसके बावजूद चिकित्सक, सफाईकर्मी, लेखपाल, पुलिस आदि सभी हम सबके लिए एक योद्धा की तरह मैदान में डटे हुए हैं। इस जंग में जहां चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना को मात दे रहे तो वहीं आधी आबादी भी पीछे नहीं है। ऐसी एक महिला लेखपाल नम्रता रिश्तों की फिक्र को छोड़ फर्ज को निभा रही हैं।
लालगंज के ब्रजेंद्र नगर की रहने वाली नमृता सिंह बतौर लेखपाल वर्ष 2016 में डलमऊ तहसील में नियुक्त हुई थी। दो वर्ष बाद कानपुर देहात के रसूलाबाद निवासी सत्यम सिंह के साथ विवाह हो गया। परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ा, लेकिन तभी अचानक महामारी अपने पैर पसारने लगी। प्रवासी घर लौटने लगे तो उनके क्वारंटाइन स्थल पर रोकने व घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दे दी गई। इन सबके बावजूद हार नहीं मानी। सभी जिम्मेदारियों को बखूबी से निभाया। इतना ही नहीं कार्य के प्रति समर्पण भाव ऐसा कि छह माह के बेटे को मां के हवाले कर दिया। फर्ज पूरा करने के लिए फिर से ड्यूटी ज्वाइन कर ली। सुबह बेटे को प्यार दुलार देकर ड्यूटी आती हैं और पूरा समय गंगा एक्सप्रेस वे में भूमि अधिग्रहण से लेकर चुनाव की तैयारियों में लगी रही। पति सत्यम वायु सेना में देश की रखवाली कर रहे हैं। नम्रता कहती है कि लगातार परिवार का साथ मिल रहा है। अपनों के हौसले से कभी मायूस नहीं हुई। यही वजह है कि परिवार, नौकरी व मां तीनों जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा रही हूं।
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काम के आगे सबकुछ भूली
महिला लेखपाल की दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही नम्रता काम के आगे सबकुछ भूला दिया। पहले कोरोना से आमजन को बचाने व प्रवासियों के लिए रात दिन ड्यूटी की। उसके बाद सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेस वे में भूमि खरीद में अहम भूमिका निभा रही हैं। दिनभर कार्यक्षेत्र में रहने के बाद देर रात को घर पहुंचती हैं। कार्य के प्रति समर्पण भाव की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।