या हुसैन अलविदा की गूंजी सदाएं
रायबरेली मंगलवार को जिले भर में 10वीं मुहर्रम पर जुलूस निकाला गया। शहर कस्बा या फिर
रायबरेली : मंगलवार को जिले भर में 10वीं मुहर्रम पर जुलूस निकाला गया। शहर, कस्बा या फिर ग्रामीण हो हर जगह इमाम हुसैन की शहादत का गम मनाया गया। इसमें शिया-सुन्नी संप्रदायों के अलावा विभिन्न वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। या हुसैन अलविदा, या हुसैन अलविदा की सदाओं पर सीनाजनी करते हुए जुलूस में शामिल लोगों को देख हर किसी की आंखें नम हो गई।
अंजुमन सज्जादिया (रजि.) के जेरे एहतेमाम शहर में इमामबारगाह जव्वाद हुसैन खिन्नी तला से जुलूस निकला। मातमदारों ने सीनाजनी करते हुए कहारो का अड्डा, गुलाब रोड होते हुए टाउन हाल पहुंचा। जुलूस किला बाजार से होता हुआ कजियाना स्थित मस्जिद कुबा पहुंचा। दूसरा जुलूस वजीरगंज स्थित हसन रायबरेलवी के इमामबारगाह वसी रजा से बरामद हुआ, जो रास्ते में आने वाली इमामबारगाहों से ताजिये लेता हुआ तेलियाकोट, खतराना, कजियाना से होता हुआ कर्बला चककुंडरी पहुंचा। इसी तरह सुन्नत जमात के ताजियों का जुलूस तिलियाकोट से निकला। खीरों क्षेत्र के कस्बा, हरीपुर मिर्दहा, रनापुर पहरौली, मुस्तकीमगंज, सगुनी, भितरी, भीतरगांव आदि गांवों में ताजिया जुलूस निकाला गया। शिवगढ़ के बैंती कस्बे जुलूस मस्जिद चौराहे पर पहुंचा। इस मौके पर मो. कय्यूम मो. शकील, हाफिज असीर, शौकत अली आदि मौजूद रहे।
ऊंचाहार में बड़े इमामबाड़े असगर मुस्तफाबादी में जुलूस के दौरान सीनाजनी, छूरी और जंजीर का मातम हुआ। इमाम चौक पर हसनैन मुस्तफाबादी ने कहा कि विश्व मे आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहली आवाज इमाम हुसैन ने बुलंद की। इसके लिए उन्होंने अपने पूरे कुनबे की कुर्बानी दे दी। इस मौके पर इश्तियाक हुसैन नकवी, असद रिजवी, शाजू नकवी, शानू नकवी, नाजिर हैदर आदि मौजूद रहे।
सलोन क्षेत्र में अंजुमन ए काजमियां के दस्ते ने सीना जनी और नोहाख्वानी की। इस मौके पर मौलाना शाहिद काजमी, आरजू काजमी, मेहंदी काजमी, मसूद काजमी, दिलदार, जावेद आदि मौजूद रहे। परशदेपुर नगर पंचायत में सीनाजनी और जंजीर का मातम करते हुए पांच दर्जन से अधिक ताजिया कर्बला में दफन किया। इस मौके पर डॉ. आमिर, अमान हुसैन, शम्सी रिजवी, नाजिम रिजवी, राशिद नकवी, असलम मौजूद रहे। डीह क्षेत्र के डीह, रोखा में जुलूस निकाला गया।