बैंक से रुपये निकालने वाले बुजुर्गों को बनाते थे शिकार
- गुरुबक्शगंज और बछरावां में लूट की वारदात में आरोपित हैं लखनऊ के लुटेरे - धन निकासी के लिए खुद भी अंग्रेजी में भरते थे फार्म ताकि कोई शक न करे
रायबरेली : बछरावां में बुधवार की रात पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार बदमाश और उसके साथी लूट के लिए बुजुर्गों को शिकार बनाते थे। बैंक के भीतर से ही उनकी रेकी शुरू हो जाती थी, जब वृद्ध गांव के करीब पहुंचता था तो रुपये छीनकर भाग जाते थे।
पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान ये जानकारी दी। बताया कि हाल ही में बछरावां में एक और गुरुबक्शगंज में लूट की दो वारदातें हुईं। इन तीनों में वृद्धजनों को ही निशाना बाया गया। गुरुबक्शगंज एसओ संतोष कुमारी की तहकीकात में ये बात सामने आई कि दोनों युवक बैंक के भीतर जाते थे, वहां वे अंग्रेजी में धन निकासी फार्म भरकर 1000-1200 की ही निकासी करते थे। इस दौरान वे अपना शिकार तय कर लेते थे और बैंक से बाहर निकलने के बाद वारदात को अंजाम देते थे। फार्म के आधार पर जब पड़ताल शुरू की गई तो लखनऊ के राना प्रताप मार्ग मल्लापुर हाता, हजरतगंज निवासी सचिन नायर और गुरु रविदास नगर, वजीर हसन रोड के मुकेश सोनकर का नाम सामने आया। सर्विलांस के जरिए गत बुधवार को इनकी लोकेशन बछरावां क्षेत्र में मिली। अघौरा पुल के पास वाहन चेकिग लगा दी गई, तभी ये दोनों बाइक से आए और पुलिस को देखकर भागने लगे। जब पुलिस ने पीछा किया तो मुकेश ने फायर झोंक, गोली पुलिस वाहन में लगी। जवाबी फायरिग में उसके पैर में गोली लगी। कुछ देर में उसके दूसरे साथी सचिन को भी पकड़ लिया गया।
खुद को मीडियाकर्मी बताता था सचिन
एसपी ने बताया कि सचिन नायर मूलरूप से केरल का रहना वाला है। उसके पिता लखनऊ में जॉब करने लगे तो वह भी आकर बस गया। वह अपने पास मीडिया के आइकार्ड रखता है, जहां भी पुलिस रोकती थी तो वह खुद को मीडियाकर्मी बताकर बच निकलता था। उसके पास मिले प्रपत्रों की जांच हुई तो, सब फर्जी पाया गया।
लूटे गए 40 हजार बरामद
मुकेश और सचिन के पास से लूट के 40 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। 315 बोर का तमंचा और दो कारतूस भी मिले हैं।