उपद्रव करने वालों पर खाकी की इनायत
अमावां (रायबरेली) अधिसूचना जारी होने के पहले दिन ही पुलिस और प्रशासन की सक्रियता की पोल
अमावां (रायबरेली) : अधिसूचना जारी होने के पहले दिन ही पुलिस और प्रशासन की सक्रियता की पोल खुल गई। हैबतमऊ में हादसे के बाद कुछ युवकों ने जिस कदर उत्पात मचाया, उससे तो यही साबित होता है। पथराव में कुछ पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए। इसके बावजूद कार्रवाई तो दूर, उन अराजकतत्वों के खिलाफ मुकदमा तक नहीं दर्ज किया गया। वो भी तब, जब जनपद में धारा 144 लागू है।
सुबह लगभग सात बजे मिल एरिया के हैबतमऊ में हादसा हुआ। हैबतमऊ गांव के राकेश की मौत हो गई। सूचना पर पीआरवी पहुंची। भीड़ में कुछ युवक हो हल्ला करने लगे। पीआरवी कर्मियों ने रोका तो उनके साथ गुत्थमगुत्था हुई। उन युवकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें सिपाहियों के साथ गांव के लोग भी चोटहिल हो गए। इसी बीच अराजकतत्व पेट्रोल ले आए और पुलिसकर्मियों के सामने कार को आग के हवाले कर दिया। फिर पहले कार चालक को हाईवे पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। बाद में आसपास की दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दिया। इधर गांव के लोगों ने हाईवे जाम कर दिया। आलम ये था कि पुलिस खड़ी थी और सड़क किनारे बसे लोग दरवाजा बंद करके घरों में कैद हो गए। दो घंटे तक आतंक का माहौल रहा। अमेठी की ओर से आने वाले और रायबरेली की ओर से जाने वाले सैकड़ों लोग हाईवे पर ही जाम खुलने का इंतजार करते रहे। बाद में पुलिस पहुंची और जाम खुला। मगर भीड़ के बीच छिपे उन उन्मादियों पर कार्रवाई की जहमत नहीं उठायी गई। और तो और उनके खिलाफ राजमार्ग जाम करने, संपत्ति को क्षति पहुंचाने, दहशतगर्दी करने का मुकदमा भी नहीं लिखा। जब इस बाबत थाना प्रभारी राकेश यादव से बात हुई तो उन्होंने कहा कि कोई मुकदमा नहीं लिखा गया है। अगर कार चालक तहरीर देगा तो जांच करेंगे।
कोट
जो लोग भी उपद्रव में शामिल थे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उनकी पहचान करायी जा रही है। इस घटना का चुनाव से कोई सरोकार नहीं, मगर आदर्श आचार संहिता लागू है। इसलिए कानून तोड़ने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
-नेहा शर्मा, जिलाधिकारी