चांद का दीदार, पूरी हुई हसरतें हजार
रायबरेली करवा चौथ पर सुहागिनों ने गुरुवार को निर्जल उपवास रखा। सूरज ढलने के बाद हर
रायबरेली : करवा चौथ पर सुहागिनों ने गुरुवार को निर्जल उपवास रखा। सूरज ढलने के बाद हर किसी को चांद के दीदार का इंतजार रहा। सबकी निगाहें आसमान पर टिकी थीं। मानो एक-एक पल भारी पड़ रहा हो। जैसे ही आसमान में लालिमा छाई, वैसे ही चेहरे पर खिल उठे। हर कोई बोल पड़ा वो देखो चांद निकल आया। इसके साथ ही पूजा अर्चना का दौर शुरू हो गया।
हिदू धर्म में सुहागिनों के लिए करवा चौथ व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। पति के दीर्घायु और परिवार की सुख समृद्धि के लिए सुबह से ही सुहागिनें भूखी प्यासी रही। इस दौरान तरह-तरह के पकवान बनाए। शाम होते ही सज-धजकर परिवारजन के साथ छत पर पहुंच गई। आकर्षक ढंग से रंगोली सजाई। इसके बाद आसमान में टकटकी लगाकर बैठ गई। लालिमा छाने के साथ ही सबके चेहरे खिल गए। जैसे ही पता चला कि चांद निकल आया, तो खुशी से चहक उठीं। वहीं चांद निकलने के बाद आतिशबाजी भी हुई। कलश के दीये जलाकर सुहागिनों ने चंद्रमा की आरती और पूजा अर्चना किया। सभी ने अपने पति की सलामती और परिवार की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। पूजन के बाद चांद की रोशनी में उन्होंने अपने पति का दीदार किया। घरों में खूब बने पकवान
सुबह से ही स्नान, पूजन और श्रृंगार के बाद सुहागिनों ने व्रत शुरू किया। इस दौरान घरों में पकवान भी बनाए गए। कढ़ी, फुलौरी, दही बड़े, रायता, पूड़ी, सब्जी, मिष्ठान, सेवईं आदि पकवान बनाए। त्योहार को लेकर बच्चों में खास उत्साह रहा।